Laal Pari Sadhana :
यह लाल परी साधना 21 दिन की है । 21 माला रोज जप किया जाता है । साधक यह लाल परी साधना किसी भी शुक्रवार से या ग्रहण काल या त्योहार से शुरू कर सकते है । इस साधना का समय रात्रि 10 बजे से रहता है ।
Laal Pari Sadhana Samagri :
4 गुलाब के लाल फूल, पंखुड़ियां 50 ग्राम, देशी घी का दिया, गुलाब की धूपबत्ती मोगरा, चन्दन, चमेली की धूपबत्ती । 2 फल ,2 मावे की मिठाई लाल रंग की होनी चाहिये ।
मन्त्र जाप के समय साधक के वस्त्र लाल, कमरे का रंग लाल , आसन लाल और माला रुद्राक्ष की होनी चाहिए । लाल परी साधना सिद्ध होने पर अंतिम दिन परी साधक को वचन देकर सिद्ध हो जाती है ।
Laal Pari Sadhana Mantra :
लाल परी मंत्र : “बिस्मिल्ला सुलेमान लाल परी हाथ पर धरी,खिलावे चुरी,निलावे कुञ्ज हरि।। ”
यह साधना साधक को तभी सिद्धि प्रदान करेगी जब साधक का आज्ञा चक्र विकसित हो और बन्द आँखो से साधक आत्माओ को देखने और उनसे बात करने की मानसिक शक्ति प्राप्त हो।यह शक्ति माता विंध्यवासिनी साधना से साधक प्राप्त कर सकते है। उसके बाद ही साधक लाल परी साधना सिद्ध करे । यह परी साधक को साधना के समय अनेक तरह से डराती है। इसको सिद्ध करके साधक सभी तरह के कार्य करने में समर्थ हो जाता है। परी का भोग हानिकारक है।सोच समझ कर ही वचन ले। भोजन केवल खीर का करे। इसके बाद ही साधना सिद्ध होगी।
साधना (Laal Pari Sadhana) में अनेक डरावने अनुभव हो सकते है और हाँ एक बात और साधको को बता दूँ की यह शक्ति बन्द आँखो से ही दर्शन देती है।आज्ञा चक्र के माध्यम से।इसे सिद्ध करने के लिये किसी माला अथवा यन्त्र की जरूरत नही है। 22 वे दिन हवन करें। यह परी साधक प्रेमिका के रूप में,पत्नी के रूप में सिद्ध कर सकता है।
{{यह साधना जानकारी हेतु है।सिद्धि का गलत उपयोग न करे।किसी लालच के वशीभूत होकर साधक यह साधना न करे ।योग्य गुरु के निर्देशन में ही करे।}}
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जय माँ कामाख्या