Siddhi Ke Liye Mutthi Peer Mantra :
“बिस्मिल्लाह अर्रहमान निर्ररहीम। साह चक्र की बाबडी,
गले मोतियन का हार। लंका सौ कोट समुन्द्र सी खाई,
जहाँ फिरे मोहम्मदा बीर की दुहाई। कौन बीर आगे चले ।
सुलेमान बीर चले, दुर्शनी बीर चले, नादिरशाह बीर चले ।
मुट्ठी पीर चले, नहीं चले तो हजरत की दुहाई ।
शव्द सांचा, पिण्ड कांचा। चलो मंत्र ईश्वर बाचा।।”
Mutthi Peer Mantra Vidhi :
इस मंत्र की सिद्धि के लिए साधक गुरुबार के दिन से रात्रि के समय बबूल के बृक्ष के नीचे पश्चिमाभिमुख बैठकर, इस मंत्र को 30 दिन में एक लाख बार जप कर पूर्ण कर लें, और इच्छित कार्य सम्पन्न करबायें ।
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