महालक्ष्मी यक्षिणी साधना कैसे करें ?

Maha Lakshmi Yakshini Sadhana Kaise Kare ?

महालक्ष्मी यक्षिणीयां यक्षलोक की बासिनी और भोग ऐश्वर्य से सम्बन्ध रखने बाली देबियां हैं । ये लोग जलों और धनों की रक्षा करते हैं ।

इनके राजा धनाधिपति भगबान कुबेर हैं जो अपनी अमराबती के समान समृद्ध राजधानी अलकापुरी में निबास करते हैं । बहाँ करोडों यक्षो का निबास माना गया है ।

Maha Lakshmi Yakshini Mantra :

मंत्र : “ह्रीं क्रीं महालक्ष्मीयै नम: ।।”

Maha Lakshmi Yakshini Mantra Anusthan : 

ये यक्षिणी की साधना प्राय: आषाढ पूर्णिमा से आरम्भ होती है । पूजा अनुष्ठान में स्फटिक माला प्रयुक्त होगी ।

यक्षिणी की साधना से पूर्ब गणेश, गौरी, नबग्रह, गुरूदेब, महामृत्युंजय और यक्षराज का सामान्य पूजन नित्य करना होता है । ११ कन्याएं नित्य खिलानी होती हैं ।

यक्षिणी साधना से पूर्ब उक्त पूजन संकल्पपूर्बक करने के बाद ५००० जप महामृत्युजंय का करना आबश्यक होता है ।

इसके अतिरिक्त मां, बहन ,पत्नी, पुत्री के रूप में ही ये पूजी जाती हैं किन्तु इस पूजा से उन रिश्तेदारों को कष्ट भी कभी कभी होता है ।

बटबृक्ष के नीचे पहले बतलाये गये सारे बिधान को पूरा करके महालक्ष्मी यक्षिणी की प्रसन्नतार्थ ८,००० जप नित्य इस मंत्र का करे ।

फल : एक माह पश्चात् साधक को अनायास धन प्राप्ति होने लगती है तथा भूमिगत धन भी प्राप्त होता है । धन का धर्म में उपयोग करे अन्यथा कष्ट होता है ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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