महात्रिपुर सुन्दरी सिद्धि कैसे प्राप्त करें?

महात्रिपुर सुन्दरी (Maha Tripura Sundari) को “षोडशी” भी कहते है । इसकी साधना के लिए साधक द्वारा साधना कख्य में कुंकुम या सिन्दुर से षोडशी यंत्र लिखा जाता है। इसे भूमि पर बनाकर लाल मिट्टी से पुर्ण करते हैं ।
 
इसका यंत्र साबधानी से बनाना चाहिए । इसमें बिन्दु, त्रिकोण, अष्टकोण, दो दशकोण, चतुर्दशकोण फिर अष्टदल, षोडशदल पद्म, तीन बृत बनाये जाते हैं । यंत्र बनाने के बाद जप-अनुष्ठान का बिधान है ।
 
उपबास के बाद इसके दस हजार मंत्रों का जप होता है । इसके मंत्र निम्नलिखित है—
 
जिस कार्य की सिद्धि या कामनाओं के लिए आप सिद्धि कर रहे हैं, उनके लिए संकल्प करने के बाद न्यास करें। न्यास से पूर्ब बिनियोग कर लेना चाहिए ।
 

Maha Tripura Sundari Biniyog Mantra :

बिनियोग मंत्र : “ॐ अस्य श्री महात्रिपुर सुन्दरी महामंत्रस्य दखिणामूर्ति ऋषि: पंक्तिश्छ्न्द: श्री महात्रिपुर सुन्दरी देबता ऐं बीज सौं शक्ति: क्लीं कीलकं ममाभीष्टसिद्धयर्थे जपे बिनियोग: ।”
 
न्यास :
दखिणामूर्ति ऋषये नम: शिरसि
पंक्तिछ्न्दसे नम: मुखे।
श्री महात्रिपुरसुन्दर्यै नम: हृदये।
ऐं बीजाय नम: गुहो।
सौं शक्तये नम: पादयो।
क्लीं कीलकाय नम: नाभौ।
बिनियोगाय नम: सर्बागे।
 
करन्यास इस प्रकार करें—
ह्रीं श्रीं अं अंगुष्ठाभ्यां नम:
ह्रीं श्रीं आं तर्जनीभ्यां नम:
ह्रीं श्रीं सौ: मध्यमाभ्यां नम:
ह्रीं श्रीं अं अनामिकाभ्यां नम:
ह्रीं श्रीं आं कनिष्ठकाभ्यां नम:
ह्रीं श्रीं सौ: करतलकर पृष्ठाभ्यां नम:
 
हृदयादि न्यास इस प्रकार करते हैं :
ह्रीं श्रीं अं हृदयाय नम:
ह्रीं श्रीं आं शिरसे स्वाहा।
ह्रीं श्रीं सौ: शिखाये बषट्।
ह्रीं श्रीं अं कबचाय हुम्।
ह्रीं श्रीं आं नेत्रयाय बौषट्।
ह्रीं श्रीं सौ: अस्त्राय फट।
 
उपर्युक्त न्यासों के बाद ध्यान एकाग्र करें। ध्यान मंत्र इस प्रकार है-
Maha Tripura Sundari Dhyan Mantra :
बालार्कामुततैजसंत्रिनयनां रक्ताम्बरोल्लासिनी,
नानालड् कृतिराजमानबपुषं बालेन्दुयुक्त शेखराम।
हस्तैदिखुधनु: स्त्रणिं सुमशरं पाशं मुद्रा बिभ्रतीं।,
श्री चक्रस्थित सुन्दरीं त्रिजगतामाधरभूतां भजे।।
 
इस प्रकार ध्यान करने के बाद मंत्र जप कर सकते हैं । मंत्र जप इस प्रकार है—
Maha Tripura Sundari Mantra :
मंत्र : “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कएईल ह्रीं हसकहल ह्रीं सकल ह्रीं।”
 
महात्रिपुरसुन्दरी की सिद्धि (Maha Tripura Sundari Siddhi) से सभी प्रकार के कष्टों का निबारण होता है । अनेक तांत्रिकों का कथन है कि इसकी सिद्धि के लिए साधक का कमरा पुता हो और पहनने के बस्त्र भी साधना काल में लाल हों, तथा महात्रिपुर सुन्दरी (Maha Tripura Sundari) लाल चित्र हो ।

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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