मर्कट साधना मंत्र

Markat Sadhana Mantra :

मर्कट साधना करने बाला साधक सौ लोगों द्वारा भी मारा नहीं जा सकता । हाँ, मर्कट सिद्ध हो जाने पर ही यह स्थिति होती है ।

Markat Sadhana Parichay :

मर्कट साधना बीरबंश की बीरभाब की साधना है जो निर्जन देबालय, पीपल अथबा बटबृक्ष के नीचे रात्रि में की जाती है । पाकड के बृक्ष भी साधना के लिए ठीक रहते हैं । इन्हें एकान्तप्रिय होता है अत: बही साधक इसे करें जिनके पास अपना समय एकान्त में रहने बिताने की स्थिति सुलभ हो अन्यथा असुबिधा होती है ।

Benefits Of Markat Sadhana :

मर्कट बडे बलशाली होते हैं ये साधक के शरीर का बल बढाते हैं, दीर्घजीबी बनाते हैं इन्हें भगबद् भक्ति बहुत प्रिय है । ये भक्त साधक की सहायता बिना कहे भी सिद्ध हो जाने पर करने लगते हैं । इनका स्वभाब अत्यंत उग्र होता है । पूजा में देर अथबा नित्य पूजा न करने पर तुरंत नुकसान भी कर देते हैं ।

Markat Sadhana Ke Bidhan :

मर्कट साधना के लिए एकांत खण्डहर, नदी तट, जंगल, निर्जन स्थान, पर्बत, सूने देबमन्दिर आदि में पूर्णमासी को जाकर मर्कटेश्वर और मर्कट की पूजा करके ३००० जप नित्य रात्रि में ४५ दिन तक की जाती है । कभी-कभी थोडा अधिक समय भी लग जाता है । ये साधक को बल, धन , धार्मिक शक्ति प्रदान करते हैं ।

सुरक्षा, सम्मान, बिलक्षण बुद्धि, पारिबारिक प्रेम तथा बिजय दिलाते हैं । मर्कट राज्याधिकारी से सम्मान और राज्य प्राप्त कराने में भी सहायक होते हैं । पहले साधना स्थल का चयन कर उसकी तैयारी कर लें, पीछे जाकर बहाँ साधना करें ।

Markat Sadhana Vidhi :

संयम से रहकर शुद्ध रहे, ब्रहमचर्य से रहकर साधना करे, नशा न करे और किसी को कष्ट न दे । साधना का समय प्रतिदिन एक ही रखे अथबा सिद्धि में कठिनाई पडती है ।


Markat Sadhana Mantra :

मंत्र : “ॐ नमो मर्कटेश्वर मम सहायतार्थे एकं मर्कटं मम संभिनं कुरू कुरू तब पूजाहं करिष्ये नित्यं स्वाहा। ॐ आगछ मर्कट सरबे स्वाहा।” (पूजा एबं जप मंत्र तथा कार्य कराने का मंत्र यही है ।)

साधना के पश्चात् : साधना सिद्ध होने पर मर्कटेश्वर की नित्य पूजा करनी पडती है अन्यथा मर्कट तो लौट ही जाता है । मर्कटेश्वर और मर्कट दोनों साधक को बहुत कष्ट देते हैं । ये बीरकोटि के होते हैं इसलिए सदा ब्रह्मचर्य और बीरता ही पसंद करते हैं । साधक को हमेशा बीरभाब में शुद्धतापूर्बक रहना पडता है । नशा, मांस और दुराचार छोडना पडता है । परस्त्री गमन अथबा अधिक मैथुन से ये नाराज हो जाते हैं ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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