मुसलमानी मोहम्मदा पीर का सिद्ध साबर मंत्र

मोहम्मदा पीर सिद्ध साबर मंत्र  :
“ओम नमो हाँकत युगराज फाटक आया।
जिस कारण युगराज मैं तोको ध्याया।
हुंकारत युगराज आया। पांजत आया।
धोरंत आया। सिर के फुल बखेरत आया।
और की चौकी उठाबंत आया। अपनी चौकी बिठाबंत आया।
और का कीबाड (कमाड) तोडता आया।
अपना कीबाड (कमाड) भेडता आया। बांधी-बांधी।
किसकी (किसको) बांधी। भूत-प्रेत को बांधी।
देब-दानब को बांधी (बान्धे) ! उडंन्त-गडंन्त।
योगिन बांधी।तिरसठ (63) कुलुमा को बांधी।
चौसठ जोगिणी (योगिनी) को बांधी।
बाबन बीरों को बांधी। द्वारको बांधी, हार को बांधी।
गले को बांधी, गलियारे को बांधी। किया को बांधी।
कराये को बांधी। अपनी को बांधी, पराई को बांधी।
मैली को बांधी, कुचैली (कुचमैली) को बांधी।
पीली को बांधी, स्याही को बांधी, सफेद को बांधी।
काली को बांधी, लाली को बांधी। बांधी-बांधी रे।
गड-गजनी के महम्म्दा पीर चलैं। तेरे संग सत्र सो
बीर जो बिसरी जायें। तो सौ रोजा हलाल जायें।
उल्टी मार, पलटी मार पछाड मार।
घर मार, कब्जा-चढाय सुडिया हलाल।
शीस खिलाय श्व्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मंत्र ईश्बरो बाचा।”
 
यह मोहम्मदा पीर साधना सभी कार्यो मे लाभ देती है और इसका उपयोग शुभ कार्य मे भी किया जाता ह , यह शीघ्र प्रभाब दिखाया करती है । एक बार सिद्ध कर लेने के उपरांत जीबनभर साधक लाभ पाता है ।
 
Mohammada Peer Sadhana Vidhi Is Prakar hai …..
साधकों ! उपरोक्त मंत्र को सुर्यग्रहण के पर्बकाल मे आरम्भ करके पूरे पर्ब के समय अनगिनत जाप करें यह मोहम्मदा पीर प्रयोग किसी नदी किनारे पर या एकान्त में बैठकर अपने सामने लोबान धूप, अगरबती, दीपक, पुष्प, इत्र आदि रखे लेकिन कई साधक प्रत्यख्य सिद्धि भी करते है । अगर आप प्रतख्य सिद्धि करना चाहें तो योग्य ब्यक्ति से जानकारी अबश्य लें इसके बाद यह मोहम्मदा पीर साधना पुन: आरम्भ करें ।
इस मोहम्मदा पीर साधना (Mohammada Peer Sadhana) को किसी एकान्त जगह (निर्जन बन में) या नदी किनारे मे करे । सर्बप्रथम आसन लगाकर बैठ जायें साधक अपना मुख पशिचम दिशा की और रखे और अपने सामने धूप-दीप, अगरबती जलाबें । एक इत्र की सीसी रखे । एक पुष्प माला । दो माला प्रतिदिन जपें , समय रात्रि 11 बजे बाद में । इसी भांति यह साधना 41 दिन मे पूर्ण करलेबें । इस मोहम्मदा पीर साधना के 21 दिन बीत जाने के उपरान्त कभी भी मुहम्म्दा पीर दर्शन दे सकता है । जब दर्शन देबे तब नैवेद्य और पुष्प माला अर्पण करें और इछित बर प्राप्त करे ।
 
नोट : साधकों ये मोहम्मदा पीर साधना (Mohammada Peer Sadhana) 21 दिन में या 40 दिन के भितर ही सिद्धि होती है । लेकिन ये साधक पर निर्भर करता है । साधक की एकाग्रता, योग्यता एबं ज्ञान पर निर्भर करता है कि बह कितने दिन में सफलता हासिल कर पाता है और जब तक गुरु का सनिधय प्राप्त नहीं होगा तब तो सफलता नहीं मिलती और संकट भी उत्पन्न हो सकता है , इसलिये बिना गुरु न करे तो अछा होगा ।

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जय माँ कामाख्या

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