रंभा अप्सरा साधना कैसे करें ?

आकर्षक सुन्दरतम वस्त्र, अलंकार और सौंदर्य प्रसाधनों से युक्त-सुसज्जित, चिरयौवना रंभा के बारे में कहा जाता है कि उनकी साधना करने से साधक के शरीर के रोग, जर्जरता एवं बुढ़ापा समाप्त हो जाते हैं ।
रंभा अप्सरा साधना के मंत्र सिद्ध होने पर वह साधक के साथ छाया के तरह जीवन भर सुन्दर और सौम्य रूप में रहती है तथा उसके सभी मनोरथों को पूर्ण करने में सहायक होती है । रंभा अप्सरा साधना जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना है । जिसे देवताओं ने सिद्ध किया इसके साथ ही ऋषि मुनि, योगी, संन्यासी आदि ने भी सिद्ध किया इस सौम्य साधना को ।
इस रंभा अप्सरा साधना से प्रेम और समर्पण के गुण व्यक्ति में स्वतः प्रस्फुरित होते हैं क्योंकि जीवन में यदि प्रेम नहीं होगा तो व्यक्ति तनावों में बीमारियों से ग्रस्त होकर समाप्त हो जाएगा। प्रेम को अभिव्यक्त करने का सौभाग्य और सशक्त माध्यम है रंभा अप्सरा साधना ।

Rambha Apsara Sadhana Samagri :  

प्राण प्रतिष्ठित रंभा यंत्र, रंभा माला
यह रात्रिकालीन 27 दिन की साधना है । इस रंभा अप्सरा साधना को किसी भी पूर्णिमा या शुक्रवार को अथवा किसी भी विशेष मुहूर्त में प्रारंभ करें। साधना प्रारंभ करने से पूर्व साधक को चाहिए कि स्नान आदि से निवृत होकर अपने सामने चौकी पर गुलाबी वस्त्र बिछा लें, पीला या सफ़ेद किसी भी आसान पर बैठे, आकर्षक और सुन्दर वस्त्र पहनें । पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें । घी का दीपक जला लें । सामने चौकी पर एक थाली रख लें, दोनों हाथों में गुलाब की पंखुडियां लेकर रंभा का आह्वान करें ।
Rambha Apsara Sadhana (Awahan Mantra)
अप्सरा आह्वान मंत्र :- || ॐ ! रंभे अगच्छ पूर्ण यौवन संस्तुते ||
यह आवश्यक है कि यह आह्वान कम से कम 101 बार अवश्य हो प्रत्येक आह्वान मंत्र के साथ गुलाब की पांखुरी थाली में रखें । इस प्रकार आवाहन से पूरी थाली पांखुरियों से भर दें ।
अब अप्सरा माला को पांखुरियों के ऊपर रख दें इसके बाद अपने बैठने के आसान पर ओर अपने ऊपर इत्र छिडकें । रंभोत्कीलन यंत्र को माला के ऊपर आसन पर स्थापित करें । सुगन्धित अगरबती एवं घी का दीपक साधनाकाल तक जलते रहना चाहिए ।
सबसे पहले गुरु पूजन ओर गुरु मंत्र जप कर लें। फिर यंत्र तथा अन्य साधना सामग्री का पंचोपचार से पूजन संपन्न करें । स्नान, तिलक, धूप, दीपक एवं पुष्प चढ़ाएं। इसके बाद बाएं हाथ में गुलाबी रंग से रंग हुआ चावल रखें, ओर निम्न मंत्रों को बोलकर यंत्र पर चढ़ाएं ।
|| ॐ दिव्यायै नमः ||
|| ॐ प्राणप्रियायै नमः ||
|| ॐ वागीश्वर्ये नमः ||
|| ॐ ऊर्जस्वलायै नमः ||
|| ॐ सौंदर्य प्रियायै नमः ||
|| ॐ यौवनप्रियायै नमः ||
|| ॐ ऐश्वर्यप्रदायै नमः ||
|| ॐ सौभाग्यदायै नमः ||
|| ॐ धनदायै रम्भायै नमः ||
|| ॐ आरोग्य प्रदायै नमः ||
इसके बाद प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र से 11 माला प्रतिदिन जप करें ।
Rambha Apsara Sadhana Mantra : 
मंत्र : || ॐ हृीं रं रम्भे ! आगच्छ आज्ञां पालय मनोवांछितं देहि ऐं ॐ नमः || {{परिक्षित }}
मंत्र 2 : “ओम रं क्षं रंभे आगच्छ आगच्छ क्षं रं ओम नम:।। ”
प्रत्येक दिन अप्सरा आह्वान करें । हर शुक्रवार को दो गुलाब की माला रखें, एक माला स्वंय पहन लें, दूसरी माला को रखें, जब भी ऐसा आभास हो कि किसी का आगमन हो रहा है अथवा सुगन्ध एकदम बढ़ने लगे अप्सरा का बिम्ब नेत्र बंद होने पर भी स्पष्ट होने लगे तो दूसरी माला सामने यन्त्र पर पहना दें ।
27 दिन की रंभा अप्सरा साधना में प्रत्येक दिन नए-नए अनुभव होते हैं, चित्त में सौंदर्य भाव बढ़ने लगता है, कई बार तो रूप में अभिवृद्धि स्पष्ट दिखाई देती है । शेष सभी सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें । पूर्ण मनोयोग से साधना करने पर अवश्य मनोकामना पूर्ण होती ही है ।
विशेष : जो लोग पूर्ण विधि-विधान से साधना नहीं कर सकते, वे पूर्णत: शुद्ध होकर प्रति शुक्रवार रंभा के 10 नामों का जाप करें ।
• जो व्यक्ति रंभा अप्सरा साधना (Rambha Apsara Sadhana) करता है उसे बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है क्योकि इसको करने वाले को हर तरह का सुख शांति और मिलती है ।
• उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और वो शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत हो जाता है ।
• इस साधना (Rambha Apsara Sadhana) को पूर्ण कर लेने वाले व्यक्ति के साथ रम्भा पूरी जिंदगी उस व्यक्ति के साथ रहती है और हर कदम पर उसका साथ देती है ।
• जिस तरह रम्भा सबको अपनी तरफ आकर्षित करने की शक्ति रखती है ठीक उसी तरह साधक में भी आकर्षक और सम्मोहन शक्ति आ जाती है ।
• साधक में कभी भी बुढापा नहीं आता और बीमारियाँ तो कोशों दूर चली जाती है. इस तरह साधक के जीवन में प्यार और खुशियाँ भर जाती है ।
सावधानियाँ :
§ .वैसे अप्सरायें शीघ्रता से अपनी साधना से को पूरा भी नहीं होने देती और आपके ध्यान को भाग करने की कोशिश करती रहती है । कई बार तो आपको आपकी साधना (Rambha Apsara Sadhana) पूर्ण होने से पहले ही अप्सरा दिखने लगती है किन्तु उस स्थिति में आप अपनी साधना को बिलकुल भी ना रोके और मन्त्रों और जप के पूर्ण होने के बाद ही उनके पास जाएँ ।
§. साधना (Rambha Apsara Sadhana) के दौरान और अप्सरा को देखने के बाद अपनी काम इच्छाओं पर काबू रखें और उसके प्रति समर्पित रहें ।
§. साधना (Rambha Apsara Sadhana) के दौरान जो भी घटित होता है उसे आप अपने तक ही सिमित रखें ।

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जय माँ कामाख्या

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