शमशान जाग्रत मंत्र साधना

Shamshaan Jagrat Mantra Sadhana :

शमशान मंत्र : “ऊ नमो आठ-काठ की लाकडी मन जबानी बान,
मुबा मुरदा बोले नहीं तो महाबीर जी की आन,
श्वद सांचा पिण्ड काचा फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा।।”
अथबा
मंत्र : “ऊ नमो आठ काठ की लकडी मुंजबानी बान,
मुबा मुरदा बोले नहीं महाबीर की आन,
शव्द शांचा पिण्ड कांचा फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा।।”
उपरोक्त दोनों ही मंत्र शमशान जगाने के लिये उपयोगी हैं । इनमें थोडासा ही फरक है। साधकों इन दोनों में से जो उपयुक्त लगे उसे कण्ठस्थ कर लें फिर साधना करें । यह शमशान सिद्धि के लिये किया जाता है । तामसिक शक्तियों की पाप्ति के लिये तंत्र-मंत्र साधक-ओझा फकीर ,तांत्रिक आदि सभी ये साधना करते हैं । इससे भूत-प्रेत आदि को प्रसन करके उन्हे बश में करके सिद्ध कर लेते हैं । फिर उग्र ब अभिचार कर्म के प्रयोगादि में काम में लिया करते हैं । लेकिन यह प्रयोग हानिकारक माना गया है । साधक का जीबन बरबाद हो जाता है । साधना करने से पहले और सिद्धि प्राप्त कर लेने के उपरान्त भी बडी साबधानी बरतनी पडती है । नहीं तो साधक के परिबार को भी खतरा रहता हैं । मेरी मानो तो यह कर्म कृपया आप किसी साबर तंत्र के ओझा एबं साधक की जानकारी में करें। पुरा ज्ञान लेने के बाद ही करें ।
 
अब साधना (Shamshaan Jagrat Mantra Sadhana) बिधि इस प्रकार साधक ये प्रयोग काली चौदस के 21 दिन पहले इस मंत्र को शमशान में बैठ कर आरम्भ करें । अपना मुख दखिण दिशा की और करे निबस्त्र (नग्न) होकर बैठे और अपने सामने दो दीपक जलाबें । लोबान, गुगल, कपूर, लौंग, बतीसा, चंन्दन का बुरादा, इत्र, छ्ड-छ्डीला, आसापुरी, मदिरा (देसी दारु) मांस, फूलमाला एबं चमेली तथा मोगरा के फूल, सिंदुर आदि से गुरु की आज्ञा के अनुसार पूजा करके अपने चारों और रख्या घेरा खींच ले चाकू से और मंत्र जपे । 21 दिन साधना (Shamshaan Jagrat Mantra Sadhana) करें अंन्तिम दिन काली चौदस को जब श्मशान जाग्रत हो तब, पुष्प बर्षा करके स्वागत करें । बचन लेकर नैबद्य में मांस-मदिरा अर्पण करें तो सिद्धियाँ प्राप्त होंगी ।

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जय माँ कामाख्या

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