शत्रु मारण मंत्र साधना

मारण मंत्र : “ॐ नमो अमुकस्य हन हन स्वाहा।”
 

।।Shatru Maraan Mantra Vidhi ।।

इस मंत्र को सूर्यग्रहण या दीपाबली से आरम्भ करके रात्रि के समय में बिधिबत् एकान्त में बैठकर 27 हजार की संखा में जप करके सिद्ध करलें, इसके उपरान्त –
 
साधक निर्जन स्थान में हबनकुण्ड बनाकर दखिणाभि मुख होकर सरसों के तेल में कनेर के पुष्प मिलाकर 10 हजार की संखा में हबन कुण्ड में आहुति दें । मंत्रजाप करते हुये तो साध्य ब्यक्ति की निशिचत मृत्यु हो जाती है ।
 
नोट : यह साधना बिना गुरू के नहीं करें नहीं तो स्वयं के प्राण खो देंगे। इसके आप स्वयं जिम्मेदार होंगे ।
 
।। मारण मंत्र :2 ।।
मंत्र : ॐ डं डां डिं डीं डुं डूं डें डैं डों डौं डं ड: अमुकं गृहाण गृहाण हुं हुं ठ: ठ: ।।
 
।।बिधि।।
उपरोक्त मंत्र को एक लाख की संखा में जपने से सिद्ध होता है, इसके बाद प्रयोग बिधि अपने गुरु आज्ञानुसार करें ।

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जय माँ कामाख्या

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