सिद्धि की चमत्कारिक शक्ति कब प्राप्त होगि ?

Siddhi Ki Chamatkaarik Shakti Kab Praapt Hogi ?

हमारे पास अनेक साधक आते रहते हैं । कुछ एसे लोग भी होते हैं, जो गुरु से कोई मंत्र लेकर आते हैं और निशिचत संख्या से अधिक जाप करने के बाद भी उन्हें शिकायत रहति है कि कोई लाभ नहिं हुआ ।
अधिक्तर यह गुरु की ही अनभिज्ञता होति है । शक्ति मंत्र से नहिं, उसके नाद (स्वरकम्पन और उत्पति स्थल ) मे होति है । इसलिए “नाद” का उचित अभ्यास गुरु को करना चाहिये ।
दूसरी बात मानसिक “भाब” की है । जब आप किसी मंत्र या इष्ट के स्वरुप की साधना करते हैं, तो आपका भाब उसमें ही निहित होना चाहिए ।
तीसरी बात मानसिक एकाग्रता की है । इसका स्तिर और एक स्तान पर नुकीला होना आबश्यक है ।
चौथी बात शरिर के या किसी ध्यान बिंन्दु के स्थिर होने की है ।
ये चारों जब एक स्थान पर प्बाइंन्टेड होते हैं और तब मंत्र जाप होता हैं, तो इसके बाद ही सिद्धि की चमत्कारिक शक्ति (Siddhi Ki Chamatkaarik Shakti) प्राप्त होति है ।
इसके बाद आसन का रंग, स्थान, दिशा, बस्त्र, पूजन सामग्री, हबन समिधा, हबन सामग्री, समय, मुहूर्त – इन सबको इष्ट सिद्धि के अनुरूप प्बाइंन्टेड करना होता है ।
इसके बाद मुख्य तथ्य है -बिचारो का सुन्य हो जाना एब प्राप्त शक्ति के गुणों में बहने से स्वयं को रोकना । दुर्गाजी की प्रक्रूति बकरी के बच्चे की भांति चंचल है । जब तक इस चंचलता की बलि नहिं देंगे, सिद्धि का चमत्कारिक शक्ति (Siddhi Ki Chamatkaarik Shakti) प्राप्त नही होगा।
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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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