तंत्र मंत्र यंत्र एबं देबसिद्धि रख्यात्मक साधना

तंत्र मंत्र यंत्र (Tantra Mantra Yantra ) के लीए सर्बप्रथम अपनी सुरख्या के लिये प्रत्येक साधक-उपासक के लिए अपनी देह, शरीर, तन,मन को बाहरी आक्रमणों ब समस्त दोषों एबं पर प्रयोगों से बचाब (सुरखित) रखने के लिये रख्यात्मक सिद्धि-साधना करनी अति आबश्यक है ! जब तक आप स्वयं सुरखित नहीं होंगे तब तक तंत्र मंत्र यंत्र साधना (Tantra Mantra Yantra Sadhna) या सिद्धि कैसे कर सकते हो ? समस्त खेत्रों में अपनी सुरख्या प्रत्येक ब्यक्ति के लिये जरुरी है ! जप-तप, साधना, आरधना, तंत्र मंत्र यंत्र प्रयोग (Tantra Mantra Yantra Prayog), कर्म साधना या युद्ध लडाई, झगडा, खेल आदि सभी में प्रथम तो अपनी रख्या हेतु ही ध्यान दिया जाता है ! उसके बाद ही आगे कया करना उसका बिचार किया जाता है ! इसलिये सर्बप्रथम आप (साधकों) रख्या मंत्र की साधना सम्पन्न कर लें ! रख्यामंत्र की सिद्धि प्राप्त करने के उपरान्त साधना (दूसरी तंत्र मंत्र यंत्र साधनायें (Tantra Mantra Yantra Sadhanaye) करें !
 
 
अब आप सोचेंगे कि ये हम कैसे करें !तो साधकों, आप अपने (आपके) गुरुजी को पुछ्कर रख्यात्मक अनुष्ठान शुरु करें या फिर इस ब्लोग में आगे साधना के प्रारम्भ में ही रख्या बिधान (रख्या की साधना-बिधि मंत्र ब प्रयोग) आदि दिया है, उसे देखकर करें ! उस साधना में पुर्ण बिधि दी गई है ! उसे आरम्भ करके सम्पन्न कर लें ! इसके बाद आप कोई भी साधना करते समय स्वयं (आपकी) की सुरख्या हेतु उस सिद्धि का प्रयोग कर सकते हो ! उस मंत्र से (रख्या मंत्र से) साधना आरम्भ के समय अपने चारों और रेखा (घेरा) खीचें ! रेखा खींचते समय चाकु या जल (पानी) का प्रयोग करें अर्थात् चाकु से या पानी से रेखा खींचे साथ ही मंत्र का जप करते रहें ! मंत्र को सात बार या 21 बार जपे ! इससे आपके (साधक के) चारों और रख्या कवच बन जाता है !जिससे कोई प्रयोग (शत्रु-बैरी का तंत्र प्रयोग) आपका नुकसान नहीं कर सकता और किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति जैसे – भूत-प्रेत, शक्ति, अला-बला, डाकिनी, शाकिणी, जिन आदि आपके घेरे में नहीं आ सकते और आप सुरखित रहकर प्रयोग ब साधना कर सकते हैं !
 
 
लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि किसी प्रकार का द्रुश्य रेखा (घेरा) के बाहर नजर आये उसपर ध्यान न दें एबं डरें नहीं तथा आप घेरे के बाहर न आयें (नहीं निकलें) अन्यथा संकट में पड सकते हों यह ध्यान रखते हुए साधना करें !

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जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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