तुलसी यक्षिणी साधना कैसे करें ?

यदि आपकी पदोन्नति नहीं हो रही है तो, भी यह तुलसी यक्षिणी (Tulasi Yakshini) साधना की जा सकती है । या सरकारी नोकरी की इच्छा रखते है तो भी यह दिव्य साधना अवश्य संपन्न करे। निश्चित आपकी कामना पूर्ण हो जाएगी।

Tulasi Yakshini Sadhana Vidhi :

तुलसी यक्षिणी साधना किसी भी शुक्रवार की रात्रि से आरम्भ करे, समय रात्रि १० बजे के बाद का हो, आपका मुख उत्तर दिशा की और हो,आपके आसन वस्त्र सफ़ेद हो। प्रातः तुलसी की जड़ निकाल कर ले आये और उसे साफ करके सुरक्षित रख ले, जड़ लाने के पहले निमंत्रण अवश्य दे । अब अपने सामने एक तुलसी का पौधा रखे और उसका सामान्य पूजन करे, दूध से बनी मिठाई का भोग लगाये और तील के तेल का दीपक लगाये। तुलसी की जड़ को अपने आसन के निचे रखे ।अब स्फटिक माला से मंत्र की १०१ माला संपन्न करे। यह क्रम तीन दिन तक रखे, आखरी दिन घी में पञ्च मेवा मिलाकर यथा संभव आहुति दे । बाद में उस जड़ को सफ़ेद कपडे में लपेट कर अपनी बाजु पर बांध ले।मिठाई नित्य स्वयं ही खाए । इस तरह ये दिव्य साधना संपन्न होती है। अगर आप ये साधना ग्रहण काल में करते है तो मात्र एक ही दिन में पूर्ण हो जाएगी । अन्यथा उपरोक्त विधि से तो अवश्य कर ही ले । कभी कभी इस साधना में प्रत्यक्षीकरण होते देखा गया है । अगर ऐसा हो तो घबराये नहीं देवी से वर मांग ले । प्रत्यक्षीकरण न भी हो तो भी साधना अपना पूर्ण फल देती ही है, आवश्यकता है पूर्ण श्रधा की । माँ कामाख्या सबका कल्याण करे।
मंत्र : “ॐ क्लीं क्लीं नमः”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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