अघोर उचाटन मंत्र उपाय :
अघोर उचाटन मंत्र : तंत्र कोई अलौकिक शक्ति ही नहीं है बरन् एक शुद्ध बिज्ञान भी है ! तंत्र का कार्य देखकर जनसाधारण आश्चर्यचकित हो जाते है और उनका यह भ्रम बढ़ जाता है कि यह कोई अलौकिक शक्ति है जिसे ब्यक्ति केबल कठोर साधना के बल पर ही प्राप्त कर सकता है ! इस भ्रम को स्वयं तांत्रिकों द्वारा ही बढ्बा दिया जाता है ! इसमें उनका दोष नहीं है ! उनको भी गुरु अथबा ग्रंथों द्वारा मिली साधना में छिपे ज्ञान -बिज्ञान का पता नहीं है ! इस कारण बह भी उसे अलौकिक मानने लगते हैं ! इस सृष्टि में कोई भी क्रिया अकारण नही होती है ! प्रत्येक क्रिया के पीछे कोई न कोई कारण है ! यही कारण उस क्रिया का बिज्ञान प्रकट करता है ! यंहा पर आप सबके सामने अघोर उचाटन मंत्र उपाय दे रहा हूँ , वैसे भी उचाटन उपाय के भी बहुत उपाय है, हम सिर्फ पांच ही लिखते है !
(क) अश्विनी नक्षत्र मे पीपल की जड उखाड कर नीचे लिखे अघोर उचाटन मंत्र से सात बार पढकर जिसके घर मे फेंक दी जाय उसका शीघ्र उचाटन हो जाय !
मंत्र : “ऑम रबं गु: खा पारबाबिना स्वाहा”
(ख) आर्द्रा नक्षत्र मे नीम की लकडी की कील लाबे ! और नीचे लिखा हुआ अघोर उचाटन मंत्र कील मे सात बार पढकर सत्रु के घ्रर मे फेंके उस्का उचाटन हो जायेगा !
मंत्र : “ओम नमो भगबती कामरुपिणि स्वाहा !”
(ग) जिस मनुष के दरबाजे पर चोट्ली की जड लगा दी जाय उसका उचाटन हो जायेगा !
(घ) मनुष मांस ,शुकर मांस ,गिद्द्नी की हडी, बिष, गायका पेर,भेस का पांब ,उल्लु के पर इक्ट्ठे कर सत्रु के घर मे दाबने से उस्का उचाटन हो जायेगा !
उचाटन का इलाज भी लिखा हुआ है! आंबले को पीसकर अंडकोल फल के तेल मे भिगो दे ! फिर उसका लेप माथे पर करके स्नान करे, दुग्ध पान करके उचाटन करे, दोष की शांति हो जायगी !
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जय माँ कामाख्या