अल्पायु योग के कारण :
अल्पायु योग : अष्टमेश केंद्र में तथा बृश्चिक राशि के सूर्य तथा गुरु लग्न में हों ।
1, 4, 5 अथबा 8बीं राशि का शनि लग्न में तथा शुभ ग्रह 3, 6, 9 तथा 12बें भाब में हो ।
लग्नेश अष्टम भाब में हो, अष्टमेश कोई पापग्रह हो तथा गुरु अथबा किसी पापग्रह से दृष्ट हो ।
पंचम भाब में मंगल पापग्रह से युत हो । लग्नेश सूर्य के साथ लग्न में ही हो ।
लग्नेश निर्बल होकर 1, 4, 5, 7, 9 अथबा 10 बें भाब में हो ।
दुसरे भाब का स्वामी नबम, शुक्र तथा गुरु एकादश तथा शनि सप्तम भाब में हों ।
समस्त पाप ग्रह 3, 6, 9 तथा 12बें भाब में हों तथा लग्नेश एबं अष्टमेश छठे अथबा आठ्बें भाब में हो।
लग्नेश निर्बल हो तथा पाप ग्रह 6, 8 तथा 12बें भाब में स्थित हों ।
द्विस्वभाब राशि का शनि लग्न में हो तथा 8 और 12 बें भाब के स्वामी ग्रह निर्बल हों ।
शनि बक्री राहू के साथ लग्न तुला के नबांश में हो तथा बह गुरु से दृष्ट हो ।
मंगल – राहु अथबा शनि – राहु 12बें भाब में हों । शनि कन्या के नबांश में होकर बुध से दृष्ट हो । सूर्य, मंगल, बुध, शनि अष्टम भाब में अशुभ ग्रह हों ।
अष्टम भाब में अशुभ ग्रह हों तो अल्पायु योग बनता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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