क्रोध:
क्रोध- जीबन का एक प्राकृतिक भाबना है जो हम सभी में मौजद है , लेकिन यह हमारे जीबन को नकारत्मक तरीके से प्रभाबित कर सकती है ।गुस्सा करना आम बात है , लेकिन महत्वपूर्ण है की हम गुस्से को सही तरीके से प्रबधित करे और शांति बनाने का प्रयास करे ।
इसका का प्रबधन आपके जीबन में बड़ा महत्वपूर्ण हो सकता है । यह आपके स्वास्थ्य , संबध और सामाजिक जीबन पर गहरा प्रभाब डाल सकता है । क्रोध को शांत करने के लिए आपको स्वयं पर नियंत्रण रखना होगा ।
इसके लिए , आपको अपने आप से पूछना होगा की क्या बाकई यह आपके लिए सही है ? क्या यह आपके लिए समस्याओं का समाधान है ?अक्सर यह हमें नुक्सान पहचाता है और हमारे संबधों को क्षति पह्चाता है ।
क्रोध शांत करने का मंत्र उपाय क्या है ?
इसको को शांत करने के लिए ध्यान , प्राणायाम और मनन को प्रैक्टिस करना फायदामंद हो सकता है , साथ ही दुसरो के साथ सदयता और सहमति बनाए रखने का प्रयास करना भी महत्वपूर्ण है ।आज हम इस लेख में एक अलोकिक शाबर मंत्र ले रहा हूँ , जिसका उपयोग करके आप बड़े बड़े आदमी को कुछ ही क्षण में शांत कर सकते हो ।
मंत्र के बल्से क्रोधि लोग को भि ठंडा किया जा सक्ता है. किस्सि क्रोधित हुए लोग कि और देख्कर यह मंत्र पढे और तीन बार फूंक मारे ,तत्काल वो शांत हो जायेगि.
क्रोध शांति मंत्र :
मंत्र : “भूल भूल क थोलामुकि ,उठ मेल्कि पाताश कूण्डे लाग भेल्कि सभा जुडे भेल्कि चले आगे ! आमि जारे सलाम करि भेल्कि लागे तारे बेडे आजरे पांजरे लाग, चके मुके लाग ,होकसिधि गरुरपा दोहाई काटर कामिख्यारमा , हाडिर झिर आंग्या चण्डीरपा !”
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जय माँ कामाख्या