ये हैं सबसे शक्तिशाली गणेश गायत्री मंत्र :
गणेश गायत्री मंत्र : श्रीगणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। यह मंत्र गणेश भगबान की कृपा प्राप्त करने और ब्यक्तिगत कामनाओं को पूरा करने में मदद करता है ।गणेश गायत्री मंत्र का उद्देश्य भक्तो को मानशिक शांति ,सफलता और शुख शांति की प्राप्ति में मदद करता है ।यह मंत्र गणेश भगबान के आदिकर्यता , ज्ञान और बिभुतियों की प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं , और इसे जप करने से भक्त अपने जीबन में समृद्धि और आनंद प्राप्त कर सकते हैं ।
गणेश गायत्री मंत्र के अधिकतर संस्करण उनके बिशेष आराध्य स्वरुप को स्वीकार करते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने केलिए प्राणायाम, ध्यान और मंत्र जप का अभ्यास करते हैं । इनमे भक्ति और आध्यामिकता आध्यात्मिकता के माध्यम से जीबन को सुखमय बनाने का एक अद्दितीय तरीका है ।
यदि आपके कामना को लेकर आप चिंतित रहते हो तो, आप इस गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए और इसको आप अपना निजी जीबन में प्रयोग करके इसका लाभ उठा सकते हो ।
– सुबह सूर्योदय से पहले जागें और स्नान करें।
– घर या देवालय में पीले वस्त्र पहन श्री गणेश की पूजा सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल व भोग में लड्डू अर्पित करें।
– पूजा के बाद पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे अचूक श्री गणेश मंत्र से पूजन संपन्न करें।
गणेश गायत्री मंत्र –
“एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।”
“महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।”
“गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।”
गणेश गायत्री मंत्र का शांत मन से लगातार 11 दिन तक 108 बार जप करने से गणेशजी की विशिष्ट कृपा होती है। गणेश गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है और हर कार्य अनुकूल सिद्ध होने लगता है। इस तरह की गई श्रीगणेश की पूजा विघ्न और संकटों से बचाकर जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी गई है।
Connect with us on our Facebook Page :Kamakhya Tantra Jyotish
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या