गणेश स्वप्न साधना कैसे करें ?

गणेश स्वप्न साधना :

गणेश स्वप्न साधना :सामन्य तौर पर सभी की आध्यात्मिक ऊर्जा सुप्तमंत्र मस्तिष्क में स्थिति हुआ करती है । कतिपय श्रेष्ठ साधक ही इसे जगाकर स्वयं सदा जागृत बने रहते हैं किन्तु सामान्यजन के लिए अपना भबिष्य और जीबन के शुभ – अशुभ की जानकारी के लिए स्वप्न एक बहुत महत्वपूर्ण बिद्या है ।

गणेश स्वप्न साधना परिचय :

स्वप्नों के कथनकर्ताओं में भगबान गणपति का अद्दितीय स्थान है किन्तु इनसे स्वप्न में हाल जानने के लिए चतुर्थी से अमाबस्या तक लगातार इनकी उपासना करनी पड़ती है । इसके बाद भगबान गणेश किसी भी दिन उपासना करने पर स्वप्न में भबिष्य कथन करने लगते हैं किन्तु ऐसे साधक को दुसरे को मनसा –बाचा –कर्मणा किसी प्रकार से कष्ट नहीं पहुचाना चाहिए अन्यथा स्वयं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है ।

गणेश स्वप्न साधना अनुष्ठान बिधि :

एकांत शयनकक्ष में सायंकाल स्नानादि कर स्वच्छ बस्त्र धारण करके गणेश जी की पीतल की मूर्ति की जल, पुष्प, चाबल, चन्दन, धूप, दीप, नैबेद्य, आरती, दक्षिणा, बस्त्र आदि से पूजा निम्न मंत्र से करे । मूर्ति पूर्ब दिशा में पश्चिमाभिमुख रखें ।

गणेश स्वप्न साधना मंत्र : ॐ त्रिजट लम्बोदर कथय कथय नमस्तुभ्यम् ।

गणेश स्वप्न साधना अनुष्ठान :

फिर बहीं जमीन पर शुद्ध आसन पर बैठकर ५ माला जप नित्यप्रति करके पश्चिम की और पैर करके सिरहाने की तरफ गणेश जी को काठ की चौकी पर स्थापित करके बायीं करबट सो जाए । अमाबस्या तक में गणेश जी स्वप्न देना आरम्भ कर देते हैं । इसके बाद आबश्यकतानुसार कभी एक दिबसीय अनुष्ठान करके स्वप्न में जानकारी प्राप्त की जा सकती है । प्रात:काल मिठाई प्रसाद ११ बर्ष से कम उम्र के बच्चो में बाँट दें ।

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नोट : यदि आप की कोई समस्या है,आप समाधान चाहते हैं तो आप आचार्य प्रदीप कुमार से शीघ्र ही फोन नं : 9438741641{Call / Whatsapp} पर सम्पर्क करें।

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