बिभिन्न राशियों में गुरु का फल :

बिभिन्न राशियों में गुरु का फल :

गुरु का फल मेष राशि में– मेष राशि में गुरु रहने से ब्यक्ति उदार, अच्छे कार्यों में रत, शत्रुओं से घिरा हुआ तथा धनबान बनते हैं ।

बृष – बृष राशि में जन्म के गुरु होने से ब्यक्ति भक्तिभाब से ऐश्वर्य पाने बाले धनबान, पराक्रमी तथा शत्रुओं पर बिजय पाने बाले होते हैं ।

मिथुन – मिथुन में गुरु का फल ब्यक्ति को कबि ह्रदय, पबित्र आत्मा, मधुर भाषी, निष्कपट, शील स्वभाब, बिद्वान तथा सबसे मित्रबत ब्यबहार करने बाला बनाता है ।

कर्क – कर्क राशि में गुरु का फल होने से ब्यक्ति धनबान, उत्तरोत्तर उन्नति करने बाले, अनेक शास्त्रों के ज्ञाता सुशिक्षित, मृदुभाषी तथा सज्जन बनते हैं ।

सिंह – सिंह के गुरु का फल से ब्यक्ति अपनी प्रभुता से धनबान तथा यशबान बनते हैं । ऐसे ब्यक्ति हृष्ट – पुष्ट, दानी, कोमल बाणी बाले तथा भाग्यशाली होते हैं ।

कन्या – कन्या राशि का गुरु ब्यक्ति को अपने को संजाने – संबारने बाला, पबित्र ह्रदय, दरिद्रों की सहायता करने बाला तथा मनोहरकांति बाला बनाता है ।

तुला – तुला राशि में गुरु होने से ब्यक्ति आज्ञाकारी संतान बाले, जप, होम तथा यज्ञादि को करने बाले, चतुर तथा शत्रुओं से घिरे रहते हैं ।

बृश्चिक – बृश्चिक के गुरु से ब्यक्ति कृशकाय, चिंताग्रस्त, दम्भी, दुखी तथा हर ओर से निराश होते हैं ।

धनु – धनु में जन्म का गुरु ब्यक्ति को दानी, धनबान, सम्पतिबान तथा भाग्यबान बनाता है ।

मकर – मकर राशि में गुरु होने बे ब्यक्ति शत्रुभय से त्रस्त, भ्रष्टबुद्धि तथा उदासीन होकर बैठे रहने बाले होते हैं ।

कुम्भ – कुम्भ राशि के गुरु से ब्यक्ति रोगी, कंजूस, धन – सम्पतिनाशक, पाप कर्मी, पेट से रोगी तथा खाने के अभाब में जीने बाले होते हैं ।

मीन – मीन राशि में गुरु होने से ब्यक्ति को किसी की कृपा से धन प्राप्त होता है । यह सुन्दर, दानी तथा अच्छा आचरण करने बाले होते हैं ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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