बिभिन्न भाबों में चन्द्र के फल :
चन्द्र के फल कुण्डली के बारहबे भाबों में…
१. लग्न भाबगत चन्द्र के फल ब्यक्ति को धनबान, सुखी, बलबान, रुपसम्पन्न बनाता है । नीच राशि में चन्द्र हो तो ब्यक्ति को मन्दबुद्धि तथा धनहीन बनाता है ।
२. दुसरे भाब का चन्द्र के फल ब्यक्ति को त्यागी, बुद्धिमान, धनबान, चंचल, कीर्तिबान, सहनशील, सुन्दर तथा कन्तिबान बनाता है ।
३. तीसरे भाब का चन्द्र के फल ब्यक्ति को दुष्टप्रबृति तथा भाइयों का नाश करने बाला बनाता है । यदि यह बली हो तो धनबान बनाता है ।
४. चौथे भाब का चन्द्र के फल ब्यक्ति को धनबान, प्रेमी, हितेषी स्वस्थ, तामसिक तथा भबन का स्वामी बनाता है ।
५. पंचम स्थान का चन्द्र के फल ब्यक्ति को सुखी, धनबान, संतानयुक्त बनाता है । यही चन्द्र अगर बलहीन हो तो स्त्री तथा पुत्रादि सुख से बंचित करता है ।
६. छठे भाब का चन्द्र रोगी तथा कलेश्पूर्ण जीबन देता है । यदि यह बली हो तो पूर्ण सुख देता है ।
७. सप्तम भाब का बली चन्द्र सुन्दर काया तथा स्त्री सुख देता है । यदि यह पापयुक्त हो तो पत्नी को रोगी तथा दुःख का भागी बनाता है ।
८. पाप ग्रह चन्द्र अष्टम भाब में अल्पायु देता हैं । यदि यह बली हो तथा शुद्ध अथबा गुरु के घर में हो तो रोगी तथा अनेक कष्ट देता है ।
९. पूर्णबली चन्द्र यंहा सुख तथा प्रेम देता है । बलहीन चन्द्र हो तो धनहानि, कुमार्गी तथा गुणहीन बनाता है ।
१०. यँहा चन्द्र बलबान बनाता है । परन्तु यदि यह बलहीन हो तो दुर्बल, कर्महीन तथा रोगी बनाता है।
११. एकादश भाब का बली चन्द्र सुखी, धनबान, पत्नी आदि सुख देता है । यदि यंहा यह बलहीन हो तो दुःख, कलेश देता है तथा मूढ़बुद्धि बनाता है ।
१२. बारहबें भाब का चन्द्र दरिद्र बनाता है । परन्तु यदि बली हो तो सुख देता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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