चारपाई बांधने हेतु मंत्र :
मन छुबे आरी ,झन छुबे बारी । झन छुबे पालंग हमारी ,दास
कबीर हे रखबारी । महादेब के त्रिशूल भारी । पार्बती की
महिमा न्यारी । खाट बांधू बाट बांधू ,बांधू पलंग चौकी ।
काकर बांधे ? मोर गुरु के बांधे ,महादेब पार्बती के बांधे ।
सत् नाम कबीरदास के,बांधे जोर खाट बाँधा जा ।।
चारपाई बांधने हेतु मंत्र बिधि : साधक सर्ब प्रथम इस मंत्र को किसी पर्ब –काल आदि में एक सौ आठ बार गूगल की धूप देकर सिद्ध करें । पुनः प्रयोग के समय , रात को सोते समय चार बार मंत्र को पढ़कर पलंग या खाट के चारों कोने में फुक मारें । इससे अच्छी नींद आएगी ,डर भय , बुरे स्वप्न ,चोर ,सर्प ,बिच्छू इत्यादि से रक्षा होगी ।
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