चिन्ताहरण मंत्र :
चिन्ताहरण मंत्र (सर्बकार्यसिद्धि )–
“ॐ ह्रीं श्रीं भगबती चिन्तामणि सर्बार्थसिद्ध देहि देहि स्वाहा ।”
इस मंत्र को नबरात्र में तंत्रोक्त बिधि बिधान के साथ 21 हजार बार जाप हवन करके सिद्ध कर लें । फिर नित्य एक माला जप करते रहने से मानब के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं । सिद्धि के लिए अपने – अपने बर्णश्रम धर्मो का यथाबिधि पालन आबश्यक है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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