बर्ष 2024 में तुला राशि पर शनि का प्रभाब :
तुला राशि और शनि : इस बर्ष शनि महाराज का परिभ्र्मण आपकी राशि में पांचबे स्थान में रहेगा । पंचम का शनि संतान को लेकर चिंता करबा सकते हैं । स्वास्थ्य की दृष्टि से शनि का परिभ्रमण लाभप्रद रहेगा । पुराने रोग व कष्ट से मुक्ति मिलेगी हालांकि छोटी मोटी बीमारियां जरूर इस साल रह सकती है ।
आपका आत्मबिश्वाश आपकी सबसे बड़ी ताकत बनेगा । ब्यापार व काम-काज में आप उन्नतियों के शिखर को स्पर्श करेंगे । आर्थिक हालात व पक्ष पहले से बेहतर बनता नजर आयेगा । कहीं से रूका हुआ व अटका हुआ रूपया प्राप्त होगा । नौकरी व कार्यक्षेत्र में बॉस व बरिष्ठ आप पर मेहरबान रहेंगे । आपको कोई नया अवसर व महत्वपूर्ण भी जिम्मेदारी सौपी जा सकती है।
शत्रु व बिरोधी सक्रीय तो रहेंगे। परन्तु आपका अहित कुछ नहीं कर पायेंगे । कुछ सामजिक व लोक कल्याण के कार्यों में भी ब्यस्तता रहेगी । सामाजिक रूप से यश ,कीर्ति व प्रतिष्ठा बढ़ेगी । इस बर्ष आप किसी नबीन बस्तु की खरीददारी भी कर सकते हो । प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलेगी । पारिवारिक दृष्टि से जरूर चिंता रह सकती है , जीवनसाथी का गिरता हुआ स्वास्थ्य , संतान के कॉलेज चयन , बिषय चयन ,नौकरी , बिबाह आदि को लेकर चिंता रह सकती है। बिद्यार्थियों को और अधिक मेहनत करने की आबश्यकता है ।
इस बर्ष चल -अचल सम्पति में बृद्धि की संभाबना है । कहीं भी निबेश करने से पूर्ब अच्छी जांच पड़ताल कर लें । आप पर कोई झूठा आरोप या कलंक लग सकता है । 30 जून से 15 नवंबर के मध्य शनि बक्र स्थिति में रहेगा । अतः हर बिषय को लेकर साबधान व सतर्क रहें , बाहन साबधानी पूर्बक चलाबे ।
साल 2024 में तुला राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के उपाय :
1)तुला राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए किसी भी बिद्वान ब्राम्हण द्वारा या स्वयं शनि के तंत्रोक्त , बैदिक या पौराणिक मन्त्रों के 23000 जाप करें या कराएं । शनि का तंत्रोक्त मंत्र निम्नलिखित है – “ॐ प्रां प्रीं स: शनैश्चराय नमः
2) तुला राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए शनिबार का ब्रत रखे । इस दिन एक समय सायंकाल में ही भोजन करें । शनि संबंधी उपचार करने के बाद उपबास खोलने पर दान अबश्य ही करना चाहिए ।
3) तुला राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए कीड़ी, नगरा सींचे। चीटियों को भोजन कराएं ।
4 )तुला राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए काला कंबल, उड़द की दाल, काले तिल, तेल,चरण पादुका (जूते ), काला बस्त्र , मोटा अनाज व लोहे के पात्र का दान करना चाहिए ।
5) शनि की पीड़ा को कम करने के लिए , 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं ।
6 )बैगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें ।
7) शनि मंदिर में शनि की मूर्ति पर तिल का तेल चढ़ाएं ।
8) शनि भगबान के सामने खड़े रहकर दर्शन नहीं करें, किनारे में खड़े रहकर दर्शन करें , जिससे शनि की दृष्टि आप पर नहीं पड़े ।
9 )शनि न्याय के देवता है , अतः उन्हें हाथ नहीं जोड़ा जाता । दोनों हाथ पीछे करके सिर झुका कर उन्हें नमन करें ,जिस प्रकार ब्यक्ति न्यायाधिकारी सन्मुख खड़ा होता है ।
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आचार्य प्रदीप कुमार (मो) :+91-9438741641 (Call/Whatsapp)