दुःख योग :
दुःख योग -लग्न में पापग्रह हों तथा लग्नेश 12बे हो ।
-लग्न में शनि, अष्टम में राहु तथा छठे मंगल स्थित हो ।
-दशम भाब में पापग्रह हो ।
-किसी भी भाब में चन्द्र – मंगल साथ हों ।
-अष्टम भाब का स्वामी लाभ स्थान में स्थित हो ।
-सुखेश पापग्रह से युत अथबा पापग्रह के नबांश में सूर्य तथा मंगल से युत हो ।
-सूर्य –मंगल चतुर्थ भाब में नीचस्थ हों तो ब्यक्ति धनबान होते हुए भी अनेक दुःख जीबन में भोगता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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