दुर्घटना और मोच का ज्योतिषीय कारण

दुर्घटना तथा मोच :

दुर्घटना : शायद ऐसा ही कोई ब्यक्ति होगा जिसे किसी दुर्घटना में चोट न लगी हो । सडक पर, बाहन से, खेलकूद में भाग लेने से अकसर चोट लग ही जाती है । बच्चो को प्राय: चोट लगती रहती है । दुर्घटना किसी भी समय हो जाती है । घर या बाहर हल्की चोट का तो इन्सान घर पर इलाज कर लेते हैं । लेकिन कभी ज्यादा चोट लग जाने से फ्रेक्चर होने पर साबधानी बरतना आबश्यक है । मरीज को चिकित्सा की जरूरत होती है उसे किसी अछे अस्पताल ब डाक्टर के पास ले जाना चाहिये ।
 
ज्योतिषीय सिद्धांत :
चर लग्न तथा राशियों के स्वामी को चोट लगने की अधिक आशंका रहती है । लग्न तथा दूसरे भाब में राहु-मंगल की युति होने पर बार-बार दुर्घटणाओं का योग बनता है । लग्न का शनि ऊंची जगह से गिरने का कारण है तो लग्न में मंगल सिर और मस्तिष्क पर भाब के चिहों का सूचक है । चन्द्रमा से केन्द्र या त्रिकोण का मंगल, बाहन तथा यात्रा में दुर्घटणा होने का योग बनाता है । पंचम भाब में शनि-सूर्य या शनि-मंगल की युति होने पर हाथापाई, मारपीट के दौरान घायल होने की आशंका रहती है ।
 
निदान :
लोहा, तांबा या चांदी में मूनस्टोन मढबाकर धारण करें । पुखराज धारण करने से भी दुर्घटणाओं की सम्भाबना कम हो जाती है । लाल मूंगा तथा सफेद मोती धारण करने से भी दुर्घटणा कम होती है । मूंगा घाब भरने में सहायक होता है तथा मोती त्बचा को सामान्य बनाता है ।

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जय माँ कामाख्या

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