धूमाबती बिद्या :

धूमाबती बिद्या :

धूमाबती बिद्या :तिनकों से एक छोटा सूप (छाजला) बनायें । थोड़ी शराब ब बकरे का कच्चा मांस का टुकड़ा ले जायें । अमाबस्या की रात्रि में जलती चिता के पास बैठकर १० माला धूमाबती बिद्या मंत्र का जप करें । बहीं से एक कफ़न का टुकुडा प्राप्त करें, श्मशान भस्म में शराब मिलाकर उस घोल से अपनी तर्जनी अंगुली से यह मंत्र लिखें । अमुक की जगह बैरी का नाम लिखें । कपडे के चार तह कर ले बीच में मास का टुकुडा रखें । सूप में मांस का टुकुडा शराब रखें, उनकी सूप से चिता में आहुति देबें । कपन भस्म को लाकर शत्रु के यंहा डालें तो उसका नाश होबे ।

“धूम धूम धूमाबती, मसान में रहती, मरघट जगाती, सूप छानती, जोगनियों के
संग नाचती, डाकनियों के संग मांस खाती, मेरे बैरी अमुक का भी तु मांस
खायै, कलेजा खायै, लहू पिए, प्यास बुझाये, मेरे वैरी को तड़पा तड़पा मारै, ना
मारै तो तोहुं को माता पार्बती के सिन्दूर की दुहाई, कनीपा औघड की आन ।।”

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