कुंडली में नीच का गुरु और उपाय :

प्रथम भाव – लग्न में नीच का गुरु शरीर में दुर्बलता तथा बाहरी व्यक्तियों से असंतोष पैदा कराएगा। विद्या-बुद्धि में त्रुटिपूर्ण सफलता मिलेगी। स्त्री सुख व व्यवसाय में सफलता मिलेगी। यदि आपको प्रथम भाव में स्थित नीच गुरु के कारण उक्त परेशानियां हों, तो निम्न उपाय करें :
उपाय : गाय, जरूरतमंदों की सेवा करें।
द्वितीय भाव – द्वितीय भाव में नीच गुरु धन हानि करेगा तथा वाणी पर संयम नहीं होने के कारण कुटुंबजनों से मतभेद कराएगा। शारीरिक सुख व स्वास्थ्य में कमी करेगा। माता और भूमि पक्ष कमजोर रहेगा। पिता, राज्य व व्यवसाय के पक्ष से सुख, सम्मान, सहयोग तथा लाभ की प्राप्ति संभव है।
उपाय : दान दें। घर के बाहर सड़क पर गड्ढा हो तो भरवाएं। सांपों को दूध पिलाएं।
तृतीय भाव –तृतीय भाव में नीचगत गुरु के प्रभाव से भाई-बहन से परेशानी व पराक्रम में कमजोरी रहेगी। व्यापार में परेशानी परंतु भाग्योन्नति व धर्मपालन में रुचि बढ़ेगी। आय बढ़ेगी। ऐसा व्यक्ति सुखी व धनी होता है।
उपाय : मां दुर्गा की पूजा करें। कन्याओं को भोजन कराएं, दक्षिणा दें।
चतुर्थ भाव –इस भाव में स्थित नीच का गुरु भूमि, मकान तथा मातृसुख में कमी करेगा। भाई-बहनों से असंतोष होगा और शत्रु पक्ष से परेशानी बढ़ेगी। राज्य, पिता एवं व्यवसाय द्वारा सुख एवं सफलता की प्राप्ति तथा प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
उपाय : घर में मंदिर नहीं बनवाएं। बड़ों का आदर करें। सांप को दूध पिलाएं।
पंचम भाव – नीचगत गुरु संतान पक्ष से कष्ट का अनुभव और बुद्धि के क्षेत्र में त्रुटि देगा। स्त्री और माता के पक्ष से कमजोरी रहेगी। भाग्य एवं धर्म की वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी, परन्तु मानसिक तनाव भी बढ़ेगा। शक्ति एवं मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
उपाय : किसी से उपहार नहीं लें। साधु तथा पुजारी की सेवा करें।
छठा भाव – इस भाव में स्थित नीच गुरु के कारण शत्रु पक्ष से परेशानी हो सकती है। संतान तथा विद्या-बुद्धि के क्षेत्र में कमजोरी रहेगी। दैनिक जीवन के सुख में कमी रहेगी। राज्य व व्यवसाय में सफलता मिलेगी। पिता से मतभेद बढ़ेगा। बाहरी व्यक्तियों का सहयोग मिलेगा।
उपाय : गुरु से संबंधित वस्तुओं का दान करें। मुर्गियों को दाना डालें।
सातवां भाव – सप्तम भावगत नीच का गुरु के प्रभाव से व्यवसाय तथा स्त्री पक्ष से कष्ट रहेगा । शत्रुओं द्वारा व्यवसाय मे हानि हो सकती है । परिश्रम द्वारा लाभ तथा पराक्रम में वृद्धि से सफलता मिलेगी ।
उपाय : शिवजी की पूजा करें । पीले कपड़े में सोने का टुकडा बांधकर साथ रखें ।
आठवां भाव – इस भाब में नीच का गुरु आयु व पुरातत्व संबंधी कठिनाइयां हो सकती हैं । स्त्री, पिता व व्यवसाय के पक्ष में कष्ट का अनुभव होगा । उदर तथा मूत्र विकार का सामना करना पड़ सकता है । खर्च में वृद्धि होगी ।
उपाय : बहते पानी में नारियल डालें । श्मशान में पीपल का पेड़ लगाएं । घी का दान करें ।
नवम भाव – नीच का गुरु के कारण भाग्य में कमजोरी, धर्म पालन में त्रुटि तथा आमदनी की कमी से दुख का अनुभव होगा । परिश्रम द्वारा स्वयं के प्रभाव में वृद्धि होगी। संतान से कष्ट तथा विद्या, उन्नति, प्रतिष्ठा व ऐश्वर्य में कमी होगी ।
उपाय : प्रतिदिन मंदिर जाएं, शराब का सेवन नहीं करें । बहते पानी में चावल बहाएं ।
दशम भाव –इस भाव में नीच का गुरु हो तो पिता तथा राज्य पक्ष से हानि की संभावना बन सकती है । भाग्योन्नति में रुकावट, कुटुंबजन से कष्ट तथा धन का अल्प लाभ मिलेगा । माता, मकान तथा वाहन सुख मिलेगा। शत्रुओं पर विजय मिलेगी ।
उपाय : बहते पानी में तांबे का सिक्का डालें । बादाम दान करें । घर में मूर्तियों के साथ मंदिर नहीं बनाएं ।
ग्यारहवां भाव –इस भाव में नीच का गुरु से आमदनी में कमी तथा भाग्योन्नति में रुकावट के योग बनेंगे, परन्तु पराक्रम तथा भाई-बहनों के सुख में वृद्धि होगी । संतान पक्ष की उन्नति, विद्या-बुद्धि में लाभ, सुंदर स्त्री तथा सुख सहयोग की प्राप्ति होगी ।
उपाय : गले में सोने की चेन और तांबे का कड़ा हाथ में पहनें। पीपल का पेड़ सींचें ।
बारहवां भाव –यहां पर मकर राशि में स्थित नीच का गुरु खर्च बढ़ाएगा, बाहरी व्यक्तियों से संबंध बनाने में परेशानी पैदा करेगा, संचित धन का अभाव तथा परिवारजनों से असंतोष कराएगा । माता, भूमि तथा मकान सुख में त्रुटिपूर्ण सफलता मिलेगी । झगडों एवं विवादों में परेशानियों के साथ सफलता मिलेगी ।
उपाय : पीपल के पेड़ में पानी दें । संतपुरुषों की सेवा करें । रात्रि में सोते समय सौंफ व पानी पलंग के नीचे सिराहने की तरफ रखें ।

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Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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