चमत्कारी सर्व रोग नाशक पाताल क्रिया साधना क्या है ?

चमत्कारी सर्व रोग नाशक पाताल क्रिया साधना :

पाताल क्रिया साधना : यह सर्ब रोग नाशक पाताल क्रिया साधना कि कई अनुभूतिया है,और साधना भि एक दिन कि है.कई येसे रोग या बीमारिया है जिनका निवारण नहीं हो पाता ,और दवाईया भि काम नहीं करती ,येसे समय मे यह प्रयोग अति आवश्यक है.यह पाताल क्रिया प्रयोग आज तक अपनी कसौटी पर हमेशा से ही खरा उतरा है ।

पाताल क्रिया साधना सामग्री :

प्रयोग सामग्री :- एक मट्टी कि कुल्हड़ (मटका) छोटासा,सरसों का तेल ,काले तिल,सिंदूर,काला कपडा ।

पाताल क्रिया प्रयोग विधि :

शनिवार के दिन श्याम को ४ या ४:३० बजे स्नान करके साधना मे प्रयुक्त हो जाये,सामने गुरुचित्र हो ,गुरुपूजन संपन्न कीजिये और गुरुमंत्र कि कम से कम ५ माला अनिवार्य है । गुरूजी के समक्ष अपनी रोग बाधा कि मुक्ति कि लिए प्रार्थना कीजिये। मट्टी कि कुल्हड़ मे सरसों कि तेल को भर दीजिये,उसी तेल मे ८ काले तिल डाल दीजिये। और काले कपडे से कुल्हड़ कि मुह को बंद कर दीजिये । अब ३६ अक्षर वाली बगलामुखी मंत्र कि १ माला जाप कीजिये। और कुल्हड़ के उप्पर थोडा सा सिंदूर डाल दीजिये। और माँ बगलामुखी से भि रोग बाधा मुक्ति कि प्रार्थना कीजिये । और एक माला बगलामुखी रोग बाधा मुक्ति मंत्र की जिये ।

पाताल क्रिया मंत्र :

मंत्र :- || ओम ह्लीम् श्रीं ह्लीम् रोग बाधा नाशय नाशय फट ||
पाताल क्रिया मंत्र जाप समाप्ति के बाद कुल्हड़ को जमींन गाड दीजिये,गड्डा प्रयोग से पहिले ही खोद के रख दीजिये। और ये प्रयोग किसी और के लिए कर रहे है तो उस बीमार व्यक्ति से कुल्हड़ को स्पर्श करवाते हुये कुल्हड़ को जमींन मे गाड दीजिये। और प्रार्थना भि बीमार व्यक्ति के लिए ही करनी है। चाहे व्यक्ति कोमा मे भि क्यों न हो ७ घंटे के अंदर ही उसे राहत मिलनी शुरू हो जाती है। कुछ परिस्थितियों मे एक शनिवार मे अनुभूतिया कम हो तो यह प्रयोग आगे भि किसी शनिवार कर सकते है।
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जय माँ कामाख्या

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