2024 में पित्रों का आशीर्वाद कैसे प्राप्त करें ?

पित्रो को प्रशन्न करने हेतु सरल उपाय :

पितृ पक्ष 2024 : पितृ पक्ष में पितरों को श्रद्धा अर्पित करने का कर्म श्राद्ध कहलाता है ।
श्राद्ध संस्कार- जीवन का एक अबाध प्रवाह है । काया की समाप्ति के बाद भी जीव यात्रा रुकती नहीं है । आगे का क्रम भी भली प्रकार सही दिशा में चलता रहे, इस हेतु मरणोत्तर संस्कार किया जाता है । सूक्ष्म विद्युत तरंगों के माध्यम से वैज्ञानिक दूरस्थ उपकरण का संचालन (रिमोट ऑपरेशन) कर लेते हैं । श्रद्धा उससे भी अधिक सशक्त तरंगें प्रेषित कर सकती है । उसके माध्यम से पितरों- को स्नेही परिजनों की जीव चेतना को दिशा और शक्ति तुष्टि प्रदान की जा सकती है ।। मृत्यु के पश्चात् भी पितरों का श्राद्ध संस्कार द्वारा अपनी इसी क्षमता के प्रयोग से पितरों की सद्गति देने और उनके आशीर्वाद पाने का क्रम चलाया जाता है । पितर हमारे अदृश्य सहायक बनें, मार्गदर्शक बनें और अपना आशीर्वाद देते रहें, इसी कामना से पितृ पक्ष 2024 के 15 दिन प्रयास किया जाता है।

पितृ पक्ष 2024 के अचूक उपाय :

** पितृ को प्रशन्न करने के लिए निम्नलिखित कार्य पितृ पक्ष में करें –
पितृ पक्ष 2024 में रोज़ 15 दिन तक भोजन नहा धोकर बनाएं । बलिवैश्व पात्र है तो ठीक है, नहीं तो स्टील या ताम्बे की कटोरी को गैस में गर्म कर लें । पके हुए थोड़े से चावल या रोटी या पराठा या पूड़ी में शुद्ध घी और गुड़ मिला लें । उनके चने के आकार के पांच भाग कर लें ।
गैस जलाएं, बलिवैश्व पात्र रखें, उसे गर्म होने दें। फिर निम्नलिखित मन्त्रों से देवताओं और पितरों को आहुतियां प्रदान करें ।
1- ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
स्वाहा (बोलते हुए एक आहुति गर्म बलिवैश्व पात्र में डाल दें) इदं ब्रह्मणे इदं न मम ।
2- ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
स्वाहा (बोलते हुए एक आहुति गर्म बलिवैश्व पात्र में डाल दें) इदं देवेभ्यः इदं न मम ।
3- ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
स्वाहा (बोलते हुए एक आहुति गर्म बलिवैश्व पात्र में डाल दें) इदं ऋषिभ्यः इदं न मम ।
4- ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
स्वाहा (बोलते हुए एक आहुति गर्म बलिवैश्व पात्र में डाल दें) इदं नरेभ्यः इदं न मम ।
5- ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।
स्वाहा (बोलते हुए एक आहुति गर्म बलिवैश्व पात्र में डाल दें) इदं भूतेभ्यः इदं न मम ।
थोड़ी देर गैस जलने दें, आहुतियां भष्म बनने पर गैस बन्द कर दें ।
मातृ नवमी को घर की वयोवृद्ध स्त्री को प्रथम भोजन करवा कर वस्त्र दान दें ।
पितृ पक्ष 2024 अमावस्या को घर के वयोवृद्ध पुरुष को प्रथम भोजन करवा कर वस्त्र दान दें ।
दोनों दिन भोजन में अन्य भोजन के साथ उड़द दाल के बड़े, पूड़ी और खीर या हलवा अवश्य होना चाहिये ।
पूर्वजों के नाम पर एक बोरी अनाज़ नजदीकी गायत्री शक्तिपीठ, चेतना केंद्र, शांतिकुंज, या अन्य सिद्ध मन्दिरों में भण्डारे के लिए दान करें । अन्न का बाज़ार से मूल्य पता करके उस मूल्य का रुपया ऑनलाइन भी माँ भगवती भोजनालय हेतु शांतिकुंज दान दे सकते हैं ।
साथ ही पितृ पक्ष 2024 में एक बार मन्दिर/ शक्तिपीठ/ शांतिकुंज में जाकर सामूहिक श्राद्ध कर्म और पिंड दान अवश्य कर लें ।
घर में यदि पूर्वजों का पूजन का स्थान बना हुआ है, तो रोज़ शाम को घी या सरसों तेल का दीपक ज़रूर जलाएं ।
पितृ पक्ष 2024 में पितरों की मुक्ति हेतु गायत्री का अनुष्ठान करना या करवाना लाभदायक होता है ।
पितरों की मुक्ति हेतु गायत्री यज्ञ करना या करवाना भी लाभदायक होता है ।
शनिवार को पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगना लाभदायक होता है ।
यदि आपके पूर्वजों ने आपके पितरो के लिए कोई स्थान बनाया है तो होली, दीपावली एवं अन्य त्यौहार पर उस स्थान पर जाकर पूजा करनी चाहिए ।
स्त्री यदि ससुराल में बहु रूप में रहती है तो पति के पितर ही उसके पूज्य होंगे । स्त्री यदि मायके में रहती है और उसका पति घर जवाई बन के रहता है तो दोनों मायके पक्ष के ही पितर पूजेंगे ।
मायके और ससुराल के दोनों पितरों को एक साथ एक आसन में पूजन नहीं किया जाता है ।
हाँ बारी बारी दो बार में कर सकते हैं। श्राद्ध संस्कार में भी बारी बारी ही करवाया जाता है ।
पितृ पक्ष 2024 में कौवा और चिड़ियों को दाना डालें और पानी दें। पका हुआ भोजन न दें, पके तेल मसाले युक्त भोजन से पक्षीयो को नुकसान हुआ तो पुण्य की जगह पाप के भागीदार बनेंगे ।
दो संध्याओं में नियमित गायत्री उपासना, दो नवरात्र में व्रत करने वाले ब्राह्मण या ब्राह्मणी मिले तो ही पितृ पक्ष 2024 में उन्हें भोजन करवाएं । अगर वो ब्रह्ममय न हुए तो कोई लाभ नहीं मिलेगा ।

To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार- 9438741641 (Call/ Whatsapp)

Leave a Comment