स्त्री पुरुष बिद्वेषण मंत्र :

पुरुष बिद्वेषण मंत्र :

आक ढाक दोनों बगराई । “अमुका” “अमुकी” ऐसे
लरे जेसे कुकुर – बिलाई । आदेश गुरु सत्य नाम को ।

स्त्री पुरुष बिद्वेषण मंत्र बिधि : साधक इस मंत्र को रबिबार या मंगलबार से प्रारम्भ कर इकतालीस दिन तक नित्य इस मंत्र को जप कर सिद्ध करें । पश्चात सूखी हुई ढाक की टहनियां ले आये और आक का ताजा पता ले आकर पते पर काली स्याही से यह मंत्र लिखें (अमुका – अमुकी की जगह स्त्री – पुरुष का नाम लिखें) फिर आधी रात के समय एकांत में ढाक की टहनियां जला करके यह मंत्र पढ़ते हुए आक का पता उसमें डाल दे । पतें लिखते समय 108 पत्तों पर लिखकर रख लें और जलाते समय मंत्र जपते हुए एक मंत्र जप कर एक पत्ता डालें । इस क्रिया से स्त्री – पुरुष में परस्पर मन मुटाब हो जाता है ।

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