प्रचण्ड चंडिका मंत्र :
प्रचण्ड चंडिका मंत्र १ : “ॐ ह्रीं ह्रीं बज्रेबेरोचनीये हुं फट स्वाहा ।”
इस मंत्र का ध्यान, पूजन आदि भी सब षोडशी पद्धति के अनुसार ही करना चाहिए ।
प्रचण्ड चंडिका मंत्र २ : “हुं”
यह एकाक्षर मंत्र तीनों लोकों को बश में करने बाला है ।
प्रचण्ड चंडिका मंत्र ३ : “हुं स्वाहा”
इस मंत्र से आराधना करने पर तीनों लोकों को मोहित किया जा सकता है ।इसे जपने का अधिकार शुद्र को नहीं है ।शेष मन्त्रों का जप कोई भी कर सकता है ।यदि कोई स्त्री इस मंत्र को ग्रहण करे तो बह डाकिनीगणों के सहित डाकिनी होती है तथा पति- पुत्र बिहीन होकर सिद्धयोगिनी की भाँति बिचरण करती है ।इन सब मन्त्रों का ध्यान तथा पुजादि षोडशी प्रकरणोंक्त पद्धति के अनुसार करना चाहिए ।
मंत्र ४ : “ॐ हुं स्वाहा ।”
इस महामंत्र का जाप करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्षजन्य चतुर्बर्ग लाभ होता है ।
मंत्र ५ : “ॐ बज्रबेरोचनीये हुं हुं फट स्वाहा ।”
यह मंत्र सबका तेजोपहारक है ।इस मंत्र द्वारा देबी की आराधना करने पर त्रिभुबन आकर्षित होता है। इससे धर्म, अर्थ और काम तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है ।इन सब मन्त्रों का ध्यान तथा पुजनादि षोडशप्रकरण में बर्णित बिधि से करना चाहिए ।
चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है ।
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