प्रेमी बशीकरण तंत्र :
प्रेमी बशीकरण तंत्र : यदि कोई स्त्री अपने प्रेमी को हमेशा बशीभूत रखना चाहती हो तो उसके लिए निम्नलिखित तंत्र मनोभिलाषा पूर्ति कारक बताया गया है –
कार्तिक अथबा चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को दिन भर निर्जल ब्रत रख कर उसी दिन आधी रात के समय एक मुर्गे का सिर लेकर किसी एकांत स्थान में पुर्बाभिमुख पद्मासन लगा कर बैठ जाय और मुर्गे के सिर को अपने सामने रख कर निम्नलिखित मंत्र का १००८ बार उचारण करे । हर बार मंत्र का उचारण करने के बाद कुश के द्वारा मुर्गे के सिर पर थोडा थोडा जल भी छिड़क दिया करो । मंत्र इस प्रकार है ।
प्रेमी बशीकरण तंत्र मंत्र –
“ॐ नम: कामाक्षा देबीं, नम: कामरूपाय एं ह्रीं क्लीं श्रीं अमुकं में बशं कुरु कुरु स्वाहा ।”
उक्त मंत्र में जहाँ “अमुक” शव्द आया है, बहा जिस पुरुष को बशीभूत करना हो, उसके नाम का उचारण करना चाहिए ।
प्रेमी बशीकरण तंत्र मंत्र – “ॐ नम: मनसिजाय रतिपतये पुष्पधनिब्ने अमुकं में बशीभूत कुरु कुरु स्वाहा ।”
उक्त मंत्र में जहाँ “अमुक” शव्द आया है, बंहाँ जिस पुरुष को बशीभूत करना हो, उसके नाम का उचारण करना चाहिए ।
जब मंत्र का जप पूरा हो जाय, तब अभिमंत्रित मुर्गे के सिर को एक लाल रंग के रेशमी बस्त्र में लपेट कर रख लेना चाहिए तथा दुसरे दिन प्रात:काल स्नानादि से निबृत हो, एक आंबले का फल खा कर, भोजन करना चाहिए ।
चार दिन बाद अर्थात पूर्णिमा तिथि की रात्रि के समय पुर्बोक्त मुर्गे के अभिमंत्रित सिर को, जो कि रेशमी बस्त्र में लिपटा हुआ हो, अत्यंत गुप्त रूप से प्रेमी के शरीर पर इस प्रकार फेंकना चाहिए कि बह उसके शरीर का स्पर्श करता हुआ पृथ्वी पर गिर पड़े । परन्तु यह ध्यान रखना चाहिए की प्रेमी को यह पता न चले कि इसे किसने फेंका है ।
उक्त प्रयोग के सफल हो जाने पर प्रेमी हमेशा हमेशा के लिए प्रेमिका के बशीभूत हो जाता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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