बंध्या निबारण मंत्र :

बंध्या निबारण मंत्र :

ॐ गुरु तात, गुरूमात, आगे पराता।
सुख से अलगा बान सोरा चौधरी मसान जगाबे।
दोहाई नैना योगिनी के, सिद्ध गुरू के बन्दौ पांब
जाहि कामिनी के लागे, ताहि कामिनी, लागी।
कामरू के बिद्या (अमुकी) के कोइख लगा दे।।

बंध्या निबारण मंत्र बिधि : इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद साधक इसे रात्रि के समय दोनों कानों में एक सौ आठ बार – “अमुकी” के स्थान पर बांझ स्त्री का नाम लेकर पढें । इसके साथ ही नागकेशर का फूल और गाय का शुद्ध घी मिलाकर “मासिक धर्म” के चौथे दिन से प्रारम्भ कर सात दिन तक एक –एक माला मंत्र जप अभिमंत्रित कर औषधि सेबन करबायें । औषधि प्रात: सायं सेबन करबाने से बंध्या दोष दूर होता है और संतान की प्राप्ति होती है ।

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