बशीकरण के लिए मंत्र :

बशीकरण के लिए मंत्र :

शाखा होली बन में फूली ,ईश्वर देख गौरजां भूली ।
जो कोई शाखा होली आओ ,भाओ राजा प्रजा लागे पाब ।
सूते को जगा ले ,जाते को मोड़ लें। नहीं मोड़े,
तो शंकर महादेब की जटा, टूट धरती पड़े ।
शव्द सांचो –पिंड कांचो। फुरो मंत्र ,ईश्वर बाचा ।।

बशीकरण के लिए मंत्र बिधि :

इस मंत्र की साधना साधक ,किसी शुभ मुहूर्त में आरम्भ कर, नियमित रूप से इक्कीस दिनों एकांत में किसी शंखपुष्पी के पौधे के पास आसन लगाकर उक्त मंत्र का जप एक माला नित्य करें । प्रतिदिन पौधे की पूजा अर्चना करें । पहले अपनी सुरक्षा हेतु रक्षा मंत्र पढ़े तब जल “शंख –पुष्पी “ पर चढ़ायें फिर सोलह शृंगार चढ़ाकर नित्य बशीकरण के लिए मंत्र जाप करें । बाईसबें दिन “शंख –पुष्पी” के पौधे को आदर सहित उखाड़ लायें । जड़ को काटकर अलग रख लें तथा पौधे की लताओं पर कपास की रुई लपेटकर चमेली के तेल से काजल बना लें । पुनः जब भी किसी कोर्ट –कचहरी ,अधिकारी के समक्ष जाए तो कार्य बनें, सम्मान मिले एबं अर्थ लाभ होता है । कार्य में बिघ्न आती हो, तो जड़ को तोड़कर दांत के नीचे रखकर जायें तो कार्य संपन्न होगा । यह अनुभूत मंत्र है ।

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