बिद्वेषण मंत्र कैसे काम करता है ?

बिद्वेषण मंत्र कैसे काम करता है :

बिद्वेषण मंत्र : “ॐ नमो नारायणाय अमुक्स्यामुकेन सह बिद्वेष कुरु कुरु स्वाहा ।”
उक्त मंत्र 10000 की संख्या में जपने से सिद्ध होता है । मंत्र में जिस स्थानपर “अमुकस्यामुकेन सह ” शव्द का प्रयोग हुआ है, वँहा जिन दो ब्यक्तियों में बिद्वेष कराना हो, उनके नामों का उचारण करना चाहिए । बाद में, हर बार प्रयोग में लाने से पूर्ब इस मंत्र का 108 बार जप करना आबश्यक है ।

बिद्वेषण मंत्र प्रयोग : इस मंत्र के प्रयोग निम्नलिखित है –

१. एक हाथ में कौए के पंख तथा दुसरे हाथ में उल्लू के पंख लेकर, उक्त बिद्वेषण मंत्र का उचारण करते हुए, दोनों पंखों के अग्रभाग को परस्पर मिला कर काले डोरे से बाँध दें । फिर, उन दोनों बंधे हुए पंखों को हाथ में लेकर, पानी में तर्पण करें । एक सप्ताह तक निरन्तर इसी प्रकार तर्पण करते हुए प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जप करें । फिर हाथी और सिंह के बाल लाकर, जिन दो मनुष्यों से बिद्वेष उत्पन करानाहो, उनके दो पूतले बनाकर, उक्त बालों के साथ किसी स्थान में गाढ़ दें । फिर, उस स्थान के ऊपर अग्नि रख कर, मालती के फूलों से हबन करें । इस क्रिया द्वारा दोनों साध्य – ब्यक्तियों के बीच बिद्वेष हो जाएगा ।

२. भैस और घोड़े के बाल मिलाकर, उन्हें उक्त मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित कर, जिस सभा में धूप दी जायेगी । वँहा, उपस्थित सभी लोगों में परस्पर बिद्वेष हो जायगा ।

३. जिन दो ब्यक्तियों में जीबन भर के लिए बिद्वेष करना हो, उन दोनों के पांब के निचे की मिट्टी लाकर उनसे दो अलग – अलग पुतलियाँ बनायें । फिर, उन पुतलियों को फिर श्मशान में ले जाकर गाढ़ दें । इस क्रिया से उन दोनों में जीबन भर बिद्वेष बना रहेगा ।

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चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है । हर समस्या का समाधान केलिए आप हमें इस नो. पर सम्पर्क कर सकते हैं : 9438741641 (call/ whatsapp)

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