कुंडली में बुधादित्य योग क्या है ?

कुंडली में सबसे लोकप्रिय है बुधादित्य योग :

 बुधादित्य योग : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब किसी की भी जन्मपत्री में सूर्य और बुध ग्रह एक साथ एक ही भाव राशि में होते है। तो इन दोनों का एक साथ रहने पर ही बुध आदित्य होता है। सूर्य ग्रह का का दूसरा नाम आदित्य होता है। यह बुधादित्य योग किस्मत वालो का ही होता है।क्योंकि इस बुधादित्य योग वाले जातक बहुत भाग्यशाली होते है। चाहे कोई मनुष्य हो अगर उसका जन्म निर्धन के घर में क्याे न हो। वह बहुत धनी हो जाता है। जैसे -जैसे उसकी उमर बढतीहै। उसके पिता जी का कोई भी काम हो उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाता है। उसके पिता जी के व्यापार हो या नौकरी उस वृद्धि होने लगती है। और एक दिन वही निर्धन परिवार अपने बालक जिस की कुण्डली में बुधादित्य योग उस बच्चे के कारण धनवानों में उनका नाम आना शुरू हो जाता है।
बुध -आदित्य वाला मनुष्य उज्ज्वल भविष्य वाला,माँ -बाप, भाई-बहनो का भाग्य बढाने वाला, संतान की तरफ से लाभ कमाने वाला, या ये भी कह सकते हो कि संतान का भाग्य को भी आगे बढ़ता है। हर तरह जैसे की आयु विद्या, वुद्धि,अपने जीवन में यश,मान-सम्मान, उच्च पद,व्यापार में लाभ इत्यादि कई प्रकार के लाभ शुभ फल मिलता है। यदि यह बुधादित्य योग हो जन्म कुण्डली मे तो वह व्यक्ति राजाओं की तरह जीवन व्यतीत करता है।
इस बुधादित्य योग वाला कोई भी मनुष्य हो उसने सफल होना ही अपने जीवन में अगर आप के मन में कोई शक आता है। तो आप किसी भी महान व्यक्ति की कुण्डली देख सकते हो। चाहे किसी भी देश के नेता, अभिनेता, प्रतिष्ठित व्यक्ति क्यो न हो लगभग बुध-आादित्य योग के कारण ही उनका मान-सम्मान उनका नाम है। सौर मंडल के अनुसार सूर्य ग्रह के सबसे नजदीकी ग्रह जो है। सूर्य ग्रह का दूसरा नाम ही आदित्य है। सूर्य के ज्यादा नजदीक होने के कारण बुध पर पूरा सूर्य के प्रकाश की किरणों बुध पर ही पढती है। जिस के कारण बुध अपने ऊपर सूर्य की पूरी कृपा मानता है। इस लिए बुध और सूर्य ग्रह का आपसी प्रेम बना रहता है। जो सबसे बडी एक शक्ति के रूप में काम करता है। जन्मपत्री में जहां यह दोनों ग्रह बैठे हुए होते हैं। 12भाव अलग अलग फल सबको देते है। जिस भाव में दोनों ग्रहो कि स्थिति होती है। उस भाव को बहुत प्रबल कर देता है।ये भी कह सकते है।कि वह भाव जैसे फल देना चाहता वैसा ही फल उसके जीवन में मिलता मिलता है। जितने भी योग है। सबसे बडा योग यही होता है।
सूर्य + बुध की युति को बुध आदित्य योग बोला जाता है मगर यह ज्यादा और शुभा -शुभ फल सूर्य + बुध मेष राशि पर हो या फिर बुध अपनी कन्या राशि या मिथुन राशि पर केन्द्र भाव प्रथम , चतुर्थ , सप्तम , दसम भाव मे हो तो मगर यह त्रिकोण भाव मे भी अच्छा माना जाता है त्रिकोण भाव (पंचम और नवम भाव)
इस योग का शुभ प्रभाव जातक को बुद्धि, विशलेषणात्मक क्षमता, वाक कुशलता, संचार कुशलता, नेतृत्व करने की क्षमता, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा तथा ऐसी ही अन्य कई विशेषताएं प्रदान करता है
शुभ बुध आदित्य योग के जातक मे एक बात खूब देखी जाती है इनका लेखन बहुत अच्छा होता है, यह पुस्तक पढ़ने मे बहुत रूचि लेते है इनके पास पुस्तको का संग्रालय होता है
शुभ बुध आदित्य योग के जातक लेखक, गणित , ज्ञान विज्ञानं , चिकित्सा ,बैंक कर्मचारी और ज्योतिष ज्यादा देखे जाते है. बुध सूर्य के सबसे समीप रहता है तथा बहुत सी कुंडलियों में बुध तथा सूर्य एक साथ ही देखे जाते हैं जिसका अर्थ यह हुआ कि इन सभी कुंडलियों में बुध आदित्य योग बन जाता है जिससे अधिकतर जातक इस योग से मिलने वाले शुभ फलों को प्राप्त करते हैं
जो की ऐसी वास्तविक जीवन में देखने को नहीं मिलती क्योंकि इस योग के द्वारा प्रदान की जाने वालीं विशेषताएं केवल कुछ विशेष जातकों में ही देखने को मिलतीं हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि बुध आदित्य योग की परिभाषा अपने आप में पूर्ण नहीं है
तथा किसी कुंडली में इस योग का निर्माण निश्चित करने के लिए कुछ अन्य तथ्यों के विषय में विचार कर लेना भी आवश्यक है।

बुध आदित्य योग कब कब फलित नहीं होता है ….

1 :- बुध + सूर्य तुला राशि पर हो ! क्यों की तुला राशि पर सूर्य नीच का हो जायेगा
2:- बुध + सूर्य मीन राशि पर हो ! क्यों की बुध मीन राशि पर नीच का हो जायेगा
3 :- बुध + सूर्य के साथ किसी तीसरे ग्रह की युति हो तब भी यह योग पूर्ण रूप से फलित नहीं होगा
4 :- बुध + सूर्य युति मे बुध वक्री हो या पूर्ण अस्त हो
5 :- बुध + सूर्य की युति छटे , आठवें , बारवे भाव मे हो
6:- बुध + सूर्य की युति हो और शनि की सूर्य पर 3 या 10 नीच दृस्टि हो
एक बात मुख्य रूप से लिखना चाहूंगा की यह युति सप्तम भाव मे बहुत ख़राब होती है सप्तम भाव मे यह युति जातक का वैवाहिक जीवन तहस नहस कर देती है .सप्तम भाव मे सूर्य गर्म मिजाज जीवन साथी देता है. बुध जीवन साथी को जातक से जयदा चतुर और चंचल झगडालू बना देता है

 बुधादित्य योग को कुण्डली के प्रथम भाव से शुरू करते है…

1 :- कुंडली के पहले घर अर्थात लग्न में स्थित बुधादित्य योग जातक को मान, सम्मान, प्रसिद्धि, व्यवसायिक सफलता तथा अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्रदान कर सकता है। जातक बहुत बुद्धिशाली और चतुर होता है ऐसा जातक कभी कभी बहुत अहमी हो जाता है।
2 :- कुंडली के दूसरे घर में बनने वाला बुध आदित्य योग जातक को धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, सुखी वैवाहिक जीवन तथा अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्रदान कर सकता है।
3 :- कुंडली के तीसरे घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को बहुत अच्छी रचनात्मक क्षमता प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त तीसर घर का बुध आदित्य योग जातक को सेना अथवा पुलिस में किसी अच्छे पद की प्राप्ति भी करवा सकता है।
4 :- कुंडली के चौथे घर में स्थित बुधादित्य योग जातक को सुखमय वैवाहिक जीवन, ऐश्वर्य, रहने के लिए सुंदर तथा सुविधाजनक घर, वाहन सुख तथा विदेश भ्रमण आदि जैसे शुभ फल प्रदान कर सकता है।
5 :- कुंडली के पांचवे घर में बनने वाला बुध आदित्य योग जातक को बहुत अच्छी कलात्मक क्षमता, नेतृत्व क्षमता तथा आध्यातमिक शक्ति प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसा जातक अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है। जातक बुद्धिशाली होता है संतान का भी उच्च पद पर जाने के संकेत होता है।
6 :- कुंडली के छठे घर में स्थित बुधादित्य योग जातक को निडर बनाता है शत्रु दब कर रहते है ,कोई भी शारीरिक बीमारी जल्दी नहीं लगती शत्रुओ से भी लाभ प्राप्त करता है।
7 :- कुंडली के सातवें घर का बुध आदित्य योग जातक को फायदा ना देकर उसके जीवन साथी को फायदा देता है। क्यों की सप्तम भाव जीवन साथी का है यहां यह योग ! योग ना बनकर दोष बन जाता है .यहां बुध आदित्य योग वैवाहिक जीवन को नीरस बना देता है।
8 :- कुंडली के आठवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को किसी वसीयत आदि के माध्यम से धन प्राप्त करवा सकता है तथा यह योग जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान के क्षेत्रों में भी सफलता प्रदान कर सकता है।
9 :- कुंडली के नौवें घर में बनने वाला बुध आदितय योग जातक को उसके जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्रदान कर सकता है और भाग्य का पूर्ण साथ मिलता है ,थोड़ी मेहनत से ही कार्य बन जाते है तथा इस योग के शुभ प्रभाव में आने वाले धर्म कर्म मे बहुत विस्वाश करते है।
10 :- कुंडली के दसवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को उसके व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करवाता है व् सरकार से उच्च पद ऐसे जातक मंत्री विद्यायक व् सरकारी नोकरी मे उच्च पद पर आसिन होने के पूर्ण योग होते है।
11 :- कुंडली के ग्यारहवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक जातक को बहुत लाभ देता है ,लाभ स्थान का बुध आदित्य योग भी सरकार से फायदा या सरकारी नोकरी दिला देता है ऐसे जातक के आय के कई स्रोत्र बन जाते है।
12 :- कुंडली के बारहवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को विदेशों में सफलता, जातक को आलसपन भोगविलास मे रूचि कम और और पिता के सुख मे कमी ऐसा जातक जीवन मे रिस्क लेने से भी नहीं घबराता।
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