बुध ग्रह :

बुध ग्रह:

बुध ग्रह को ग्रहों का युबराज कहा जाता है ।बुध ग्रह का यंत्र बनबाकर इसे पूजा कक्ष में स्थापित कर दें । प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करने से मन शांत और धैर्यबान बनते है । बुध एक राशि में 27 दिन रहता है । बुध नपुंसक ग्रह है जो कन्या राशि में उच्च का और मीन राशि में नीच का होता है । बुध के लिए शत्रु ग्रह चंद्र है । मंगल, गुरु और शनि इसके लिए सम हैं जबकि सूर्य और शुक्र इस के मित्र ग्रह है । बुध मामा, बुद्धि, स्वर, भाषण और राजनीति का कारक माना जाता है । बुध का स्वामी दामोदर है और वर्ण बैश्य है । बुध उत्तर दिशा के स्वामी हैं । बुध में तमो गुण पाया जाता है । यह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है ।

बुध अच्छा हो तो क्या –
कुंडली में बुध अच्छा हो तो ब्यक्ति कुशल बक्ता, कथाकार, गायक और राजनीति में सफलता पाता है । यह ब्यापार, बैकिंग और स्टेनो टायपिंग से भी जोड़ता है । यह पत्रकारिता और प्रकाशन का भी कारक बनता है ।

बुध खराब हो तो क्या –
कुंडली में बुध यदि खराब हो तो ब्यक्ति का चरित्र खराब कर देता है । बुध ख़राब होने पर नीच लोगों से संगति होती है ।

खराब बुध को कैसे ठीक करें –
कुंडली में खराब बुध को ठीक करने के लिए प्रतिदिन माँ दुर्गा के मंदिर जाना चाहिए । बिशेषकर बुधबार के दिन माँ दुर्गा की मूर्ति के पैरों के नाख़ून में नेल पालिश लगाएं जबरदस्त फायदा होगा । इसके अलाबा बुधबार के दिन शाम 4 बजे के आसपास हरा कपड़ा, कपूर, गीता, घी और हरे फल का दान करना चाहिए ।

बुध का जाप – बुध ग्रह के लिए 9000 जाप होता है । पर कलियुग में इसे 4 गुना कराना चाहिए यानी 36000 जाप कराएं तभी समुचित फल मिलता है ।

बुध का मंत्र –(शात्रोक्त मंत्र)
“ॐ बुं बुधाय नम:”

तंत्रोक्त या बीज मंत्र –
“ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:”

बुध की महादशा – बुध की महादशा 17 साल चलती है ।
बिशेष – बुध चाहे 1 डिग्री का हो या 30 डिग्री का हर समय फल देता है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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