कुंडली में बुध देव कमजोर या अस्त हैं तो :

कुंडली में बुध देव कमजोर या अस्त हैं तो :

बुध देव कमजोर या अस्त हैं तो : सामान्य अवधारणा है कि कुंडली में ग्रहों का अस्त या नीच होना जातक के लिए अच्छा नहीं होता है लेकिन ऐसा देखा गया है कि बहुत से जातकों में नीच ग्रह या अस्त ग्रह की स्थिति से उनके जीवन बड़े काम हुए हैं । ज्योतिष में मान्यता के अनुसार बुध सूर्य के दोनों ओर 14 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर अस्त माना जाता है । किन्तु यदि बुध अपनी सामान्य गति की वक्र गति से चल रहे हों तो वह सूर्य के दोनों ओर 12 डिग्री या इससे अधिक समीप आने पर अस्त माना जाता है । मीन राशि में स्थित होने पर बुध को नीच का बुध कहा जाता है अर्थात मीन राशि में स्थित होने पर बुध अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलहीन हो जाता है । ऐसा कुछ ज्योतिषियों का विश्वास है कि कुंडली में नीच का बुध सदा अशुभ फलदायी होता है जो सत्य नहीं है । वास्तव में कुंडली में बुध का नीच होना केवल उसके बल को दर्शाता है तथा उसके शुभ या अशुभ स्वभाव को नहीं । किसी कुंडली में नीच का बुध शुभ अथवा अशुभ दोनों प्रकार के फल ही प्रदान कर सकता है और कई बार यह कुछ अद्भुत प्रभाव देकर जातक को विलक्षण बना देता है । अस्त ग्रह के कई कुपरिणाम देखने को मिलते हैं इसलिए इसका ज्योतिषीय समाधान करवाना चाहिए या सक्षम हो तो खुद करना चाहिए ।
बुध देव के पौराणिक मन्त्र :
ॐ प्रियङ्गुलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।।
बुध देव के वैदिक मन्त्र :
ऊँ उदबुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
बुध देव के बीज मंत्र :
ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।
जप संख्या – 9000
समय: शुक्ल पक्ष में बुध की होरा में
ग्रह पूजा मंत्र: ऊँ ऐं स्त्रीं श्रीं बुधाय नमः।।
यह मंत्र बोलते हुए बुध प्रतिमा अथवा बुध यंत्र का पूजन करें ।
बुध देव के लिए दान:
बुध ग्रह हरे रंग का कारक होता है अगर शरीर में हरा रंग अशुभ है या ज्यादा बलवान है तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं ऐसे में हरे रंग को शरीर में संतुलित करने के लिए हरी चीजें का दान करना चाहिए । हरा वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग की दाल, हरे फल, गन्ना, हरी इलायची, कांसे के बर्तन, बुध रत्न पन्ना, हरा कपडा, हरी सब्जियां, हरे रंग का कददू, दुधारू बकरी यह सब किसी पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थी को देना चाहिए । हरे रंग की चूड़ी और वस्त्र का दान किन्नरो को देना भी इस ग्रह दशा में श्रेष्ठ होता है । बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान भी ग्रह की पीड़ा में कमी ला सकती है । इन वस्तुओं के दान के लिए ज्योतिषशास्त्र में बुधवार के दिन दोपहर का समय उपयुक्त माना गया है ।
बुध देव के लिए व्रत:
* बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए ।
* घर में हरे रंग के परदे लगवाने चाहिए ।
* गाय को हरी घास और हरी पत्तियां खिलानी चाहिए ।
* ब्राह्मणों को दूध में पकाकर खीर भोजन करना चाहिए ।
* बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी कल्याणकारी कहा गया है ।
* बुधवार के दिन सुरु कर के 108 दिन लगातार हरी घास पर नंगे पांव चलने से बुध से होने वाली बीमारियां व् चर्म रोग दूर हो जाते हैं ।
* रविवार को छोड़कर अन्य दिन नियमित तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है ।
* अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से बुध ग्रह से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ मिलता है ।
* मौसी, बहन, चाची बेटी के प्रति अच्छा व्यवहार बुध ग्रह की दशा से पीड़ित व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है ।
* अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए तथा निरन्तर उसकी देखभाल करनी चाहिए। बुधवार के दिन तुलसी पत्र का सेवन करना चाहिए ।
* हरी सब्जियाँ एवं हरा चारा गाय को खिलाना चाहिए ।
* बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में मूँग के लड्डुओं का भोग लगाएँ तथा बच्चों को बाँटें ।
बुध देव के नीच अथवा अशुभ स्थिति में होने पर :
* ज्यादा से ज्यादा बुध का दान करना चाहिए ।
* सात दाने हरे रंग की सबूत मूंग, हरा पत्थर, कांसे का गोल टुकड़ा ये सभी चीजें हरे रंग के वस्त्र में लपेटकर बुधवार को बहते पानी में बहाने से बुध का प्रकोप कम होता है । यह सात बुधवार करना चाहिए।
* दुर्गा सप्तसी का पाठ, विष्णु उपासना, तथा भगवान विघ्नहर्ता गणपति देव का पूजन-दर्शन करने से बुध का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है ।

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