बर्ष 2024 में बृश्चिक राशि पर शनि का प्रभाब :
बृश्चिक राशि और शनि : इस बर्ष शनि महाराज बर्ष पर्यन्त आपकी राशि से चौथे स्थान में चलायमान है , अतः इस साल शनि की ढैया का प्रभाब आपकी राशि पर रहेगा । शनि की ढैया के कारण शत्रु व षड्यंत्र सक्रिय रहेंगे । स्वास्थ्य के प्रति साबधान रहें । नियमित हेल्थ चेकउप करबाते रहे । ब्लड प्रेशर , डायबिटीज , हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों में लापरबाही नुक्सान का कारण बन सकती है ।
रोजी -रोजगार के अबसरों में अबरोध आयेंगे । ब्यापार में जल्दबाजी व भाबुकता में लिया गया निर्णय हानि का कारण बन सकता है । कार्यबिस्तार की योजना लम्बित होगी हालांकि आप यह महसूस करेंगे की इस मुशिकल घड़ी में आपका परिवार आपके साथ कंधें से कंधा मिलाकर खड़ा है । बाहन साबधानीपूर्बक चलाबें । हालांकि बृश्चिक राशि के जातक घोर मेहनती व परिश्रमी होते है ।
आप इस साल जमकर मेहनत व परिश्रम करेंगे । परन्तु परिणाम इतने ठोस नहीं मिल पायेंगे । इस साल आमदनी अठन्नी खर्चा रूपया बाली स्थिति रहेगी । आमदनी बढ़ाना आपके हाथ में नहीं हैं, परन्तु फिजूलखर्ची पर नियंत्रण अबश्य ही कर लेबें । 30 जून से 15 नवंबर के बीच शनि बक्र स्थिति में चलायमान रहेंगे , अतः बाहन साबधानी पूर्बक चलायें , सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें । शनि की ढैया के दुष्प्रभाब को कम करने के लिए काले घोड़े की नाल या समुद्री नाब की कील की शनि मुद्रिका धारण करे । तथा शनि शान्ति के निम्न्न उपाय करे ।
साल 2024 में बृश्चिक राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के उपाय:
1)बृश्चिक राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए किसी भी बिद्वान ब्राम्हण द्वारा या स्वयं शनि के तंत्रोक्त , बैदिक या पौराणिक मन्त्रों के 23000 जाप करें या कराएं । शनि का तंत्रोक्त मंत्र निम्नलिखित है – “ॐ प्रां प्रीं स: शनैश्चराय नमः”
2) बृश्चिक राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए शनिबार का ब्रत रखे । इस दिन एक समय सायंकाल में ही भोजन करें । शनि संबंधी उपचार करने के बाद उपबास खोलने पर दान अबश्य ही करना चाहिए ।
3) बृश्चिक राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए कीड़ी, नगरा सींचे । चीटियों को भोजन कराएं ।
4 )बृश्चिक राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए काला कंबल, उड़द की दाल, काले तिल, तेल,चरण पादुका (जूते ), काला बस्त्र , मोटा अनाज व लोहे के पात्र का दान करना चाहिए ।
5) शनि की पीड़ा को कम करने के लिए , 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं ।
6 )बैगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें ।
7) शनि मंदिर में शनि की मूर्ति पर तिल का तेल चढ़ाएं ।
8) शनि भगबान के सामने खड़े रहकर दर्शन नहीं करें, किनारे में खड़े रहकर दर्शन करें , जिससे शनि की दृष्टि आप पर नहीं पड़े ।
9 )शनि न्याय के देवता है , अतः उन्हें हाथ नहीं जोड़ा जाता । दोनों हाथ पीछे करके सिर झुका कर उन्हें नमन करें ,जिस प्रकार ब्यक्ति न्यायाधिकारी सन्मुख खड़ा होता है ।
Connect with us on our Facebook Page
आचार्य प्रदीप कुमार (मो) :+91-9438741641 (Call/Whatsapp)