भय दूर करने के मंत्र :
भय दूर करने के मंत्र : @ “याही सार सार सार जित्रदेब परी नमस्कार फार फार एक खाये दुसरे को फार चहुं और अमिया पसार मलायक अस चार दुहाई दस्तखें जिब्राईल बाई बे खंभि काइल दाई दस्न दस्न हुसैन पीठ खंदे खेई आमिल कलेजे इज्राइल दुहाई मुहम्मद अलोलाह इलाह को कंगुर लिल्लाह की खाई हसरत पैगम्बर अली की चौकी नखत मुहम्मद रसुलूल्लाह की दुहाई ।”
मंत्र जपते समय भग लगे तो 21 बार मंत्र पढ़कर चारों और ताली बजाकर लकीर खींच दे तो भय दूर हो जाता है ।
@ “ओं नमो कामरू कामख्या देबी कंहाँ जाने को हुआ मेरा मन आत्मरक्षा बंदी होऊ साबधान सिर हाथ दंहत ओ बंधन गर्दन पेट पीठ बंधन और बंधन चरण अष्टांग बांधू मनसा के बरदान करा सके उमा के बान ।कामाख्या बह होऊ । अमर आदेश हाड़ी दासी चंडी की दुहाई ।”
उपरोक्त भय दूर करने के मंत्र सात बार पढ़कर जंहाँ कहीं जाये तो कोई भय नहीं रहता । घर से अढाई पग निकल सात बार मंत्र पढ़ गमन करे तो भय नहीं होता ।
@ “हुकुमशेखं फरीद कमरीया निशी अन्धीयरिया आग पानी पथ तीनों से तोही बचबईया ।”
यह मंत्र तीन बार पढ़कर ताली बजाबें भय नहीं लगेगा ।
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