भय निबारण अचूक प्रयोग:

भय निबारण अचूक प्रयोग:

भय निबारण प्रयोग : यंहा आप सब के लिए कुछ छोटा मोटा प्रयोग लाया हूँ , जिसको आप अपने निजी जीबन पर प्रयोग करके आप भय से दूर हो सकते हो ! साधारणत: हम घुमने फिरने , या पिकनिक स्पॉट एसा कुछ स्थान को पसन्द करते हैं वो भी कभी कभी खतरनाक होते हैं ! तो वो सब स्थान हमारे लिए निरापद नही होते हैं , फिर भी हम घुमने फिरने केलिए निकल पड़ टे हैं ! ऐसी परिस्तिती में कुछ छोटे मोटे टोना टोटका अपना कर अपना शरीर और परिबार सदस्य की सुरक्षा करबा सकते हो ! तो चलिए वो भय निबारण प्रयोग क्या होता है देखते हैं …

भय निबारण प्रयोग :

(क) सोनेके समय मुनिश्रेष्ठ आस्तिकका नाम तीन बार लेनेसे सोते हुए को फिर सर्प का भय नहीं रहता !
 
(ख) इतबार के दिन पुष्यनक्षत्र मे गिलोय के फल तोड कर उसकी माला गले मे पहने से सर्प भय नही रहेगा !
 
(ग) सुभ नक्षत्र मे मरोर फ्ली की जड उखाडकर जो पुरुष दाहिने हाथ मे धारण करे उस्को व्याघ्र भय नहि होगा !
 
(घ) नीचे लिखा हुआ मंत्र पढ्कर सात रती जल अग्नि मे डालदे तो अग्नि भय न रहेगा !
मंत्र : “उत्तरस्या च दिगभागे मारीचो नाम राख्यस: तस्य मुत्रपुरीषाभ्या हुतो बन्हि स्तंभन स्वाहा “
 
(ङ) इतबार के दिन सफेद कनेर की जड उखाडकर दाये हाथमे धारण करने से अग्निभय निबारण हो जाता है !
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार :+91- 9438741641 (call/ whatsapp)

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