मंगल ग्रह :
मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना जाता है । मंगल ग्रह का यंत्र बनबाकर इसे पूजा कक्ष में स्थापित कर दें । प्रतिदिन इस यंत्र की पूजा करने से हर प्रकार की पीड़ा से मुक्ति मिलती है । मंगल एक राशि में 45 दिन यानी डेढ महीने तक रहता है । मंगल पुरुष ग्रह है जो मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीच का होता है । मंगल के लिए बुध शत्रु ग्रह है । शुक्र और शनि सम है तथा सूर्य, चंद्र ब गुरु से इसकी मित्रता है । मंगल भाई –बहन, ब्यबसाय और सरकारी नौकरी का कारक बनता है । मंगल का रंग लाल और स्वामी भूमि है । मंगल का वर्ण क्षत्रिय है । मंगल दक्षिण दिशा के स्वामी है । मंगल में रजो गुण पाया जाता है ।
मंगल अच्छा हो तो क्या –
कुंडली में मंगल अच्छा हो तो सरकारी नौकरी मिलती है । सेना, पुलिस, बन बिभाग में सफलता के अधिक अबसर बनते है । कृषि भूमि, मकान और चिकित्सा के क्षेत्र में भी अपेक्षित लाभ होता है ।
मंगल खराब हो तो क्या –
कुंडली में मंगल ग्रह खराब हो तो खून संबधी बीमारी देता है ।
खराब मंगल को कैसे ठीक करे –
कुंडली में खराब मंगल को ठीक करने के लिए प्रतिदिन सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच हनुमान जी के मंदिर जाना चाहिए । इसके अलाबा दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच मसूर दाल, गेहूँ, गुड, लाल कपडे का दान करना चाहिए ।
मंगल का जाप –
मंगल के लिए 10000 जाप होता है । पर कलियुग में इसे 4 गुना कराना चाहिए यानी 40000 जाप कराए तभी समुचित फल मिलता है ।
मंगल का मंत्र (शास्त्रोक्त मंत्र) :
“ॐ भु भौमाय नम:”
“ॐ अं अंगारकाय नम:”
तंत्रोक्त या बीज मंत्र –
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:”
मंगल की महादशा – मंगल की महादशा 7 साल चलती है ।
बिशेष – मंगल प्रथम 10 अंशो में फल देता है ।
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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