मारण प्रयोग

मंत्र : “ओम नमो हाथ फाउडी कांधे मारा भैरुं बीर मसाने खडा, लोहे की धनी बज्र का बाण, बेग न मारे तो देबी कालका की आण, गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र इश्वरो बाचा सतनाम आदेश गुरु का ।”
मारण प्रयोग बिधान :
उक्त मंत्र को दीपाबली अथबा किसी अमाबस्या की रात्रि मे शाबर-बिधान से जप करके सिद्ध करें । दीपक जलाकर गुग्गुल की धूप दें।उडद के 120 दाने लें । एक-एक दाने पर मंत्र पढ्कर 108 बार उन दानों को दीपक की लौ पर मारते जाए । फिर 12 बार मारें । तदोपरांन्त (गलत प्रयोग ना होने केलिये यन्हा कुछ छुपया गया है ) रक्त लेकर उड्द के दानों पर लगाए और उन दोनों को राख में मिलाकर रख लें । प्रयोग के समय 120 दानों मे से 3 दाने लेकर प्रत्येक को उक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके शत्रु पर मारे तो उसे गहन पीडा भोगनी पडती है ।
 
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

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