मारण प्रयोग
मारण प्रयोग
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रोग निबारक मंत्र
असाध्य रोग निबारक मंत्र का जाप कैसे करें ?
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मुठ काटना प्रयोग :

मुठ काटना मंत्र :
“लोहे के कोठला बज्र के किंबार तेहि पर नाबो बारंबार तेते नहि पहिनहि एकहु बार एक पठा अन्डा बांधू डीठी मूठ बांधू, तीरा बांधू स्वर्गे इंद्र बांधू, पाताले बासुकी नाग बांधू, सैय्य्द पांब शरण षोद की भक्ति नारसिन्ह बादिकार खेलु खेलु शकनी डकनी सात सेतर के सकरी बारह मन के पहार तेहि उपर बैठू, अब देबी चोतकराय आन जंभाई जंभाई गोरख की दुहाई, नोना चमारी की दुहाई, तैतीस कोटि देबताओ की दोहाई, हनुमानकी दुहाई, काशी कोतबाल भैरो की दुहाई, अपने गुरुहि कटारी मारुं देवता खेल सब अप लेइ कशिकादि कादि कशिकार पाप तेहि देबता के कंध चढाइ काट जो मन मंह ख्योभ राखे ।।”
मुठ काटना मंत्र 2 :
“काला कलुबा चौसठ बीर मेरा कलुबा मारा तीर जन्हा को भेजूं बन्हा जाय मांस मछी को छुबन न जाय अपना मारा आप ही खाय चलत बाण मारुं उलट मूंठ मारुं मार मार कलुबा तेरी आस चार चौमुखा दिया न बाती जन्हा मारुं बांही की छाती इतना काम मेरा न करे तो तुझे अपनी मां का दुध पिया हराम है ।।”
मुठ काटना बिधान :
अपने शत्रु का नाश करने के लिये कुछ ब्यक्ति किसी तांत्रिक के द्वारा “मूंठ” चलबा देते हैं । एक अछा साधक किसी मूंठ के आने पर समझ जाता है कि किसी तांत्रिक द्वारा मूंठ छोडि गई है । जब भि किसी पर मूंठ छोडि जाति है तब उत्पन्न होने प्रभाब के कारण सुयोग्य तांत्रिक समझ जाता है कि मूंठ छोडि गई है । जब भी मूंठ आती है तब बाताबरण में सर्र-सर्र-सर्र की धवनि होने लगती है । कुछ जलने की बदबू किसी चीज या किसी जानबर या बडे पखी के आकाश में उडने की धवनि, पुतली की आक्रूति अथबा दीपक की लौ जलती दिखायी देने से मूठ के आने का पता चल जाता है । तब बह साधक अपने मंत्रो के माध्यम से उक्त आती हुई मूठ को उतार लेता है, अथबा उसे बापिस प्रयोगकर्ता के पास ही भेज देता है । जिससे बह मूठ प्रयोगकर्ता का ही नाश कर देती है । मूठ लौटाने के लिये पीली सरसों, काले साबुत उडदो के दाने अथबा मिटटी का प्रयोग करके ही मूठ को बापिस भेज देता है ।
 
उक्त मुठ काटना को सिद्ध करने के लिये मंगलबार से लेकर मंगलबार (सात मंगलबार अर्थात् उन्नचास -49 दिनो तक ) नित्यप्रति 21 बार मंत्र का जप करें । जप के समय मिठाई, फल ब लौंग का जोडा चढाए । इस मंत्र के प्रयोग से षट्कर्म सम्पादित किए जा सकते है तथा मूठ को भि बापिस किया जा सकता है । साधक को इस मुठ काटना प्रयोग को सिद्ध करते समय कुछ उडद अपने पास रखें । आति हुई मूठ को बापिस करने के लिये कुछ उडद के दानों को 21 बार उक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके अपने पास रखें और प्रयोग के समय उन दानों को आती हुई मूठ पर मारें, जिससे बह मूठ बापिस लौट जाती है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 / 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

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