रिद्धि सिद्धि दायक श्री गणेश मंत्र :सफलता की ओर एक कदम

रिद्धि सिद्धि दायक श्री गणेश मंत्र :

रिद्धि सिद्धि मंत्र : भारतीय संस्कृति में धार्मिकता और आध्यात्मिकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । रोज़ाना लाखों लोग भगवान गणेश के इस मंत्र का उच्चारण करके अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन प्राप्त करने की कोशिश करते हैं । इस मंत्र के पीछे छिपे रहस्य को समझने से पहले, हमें इस मंत्र के महत्व को समझने की आवश्यकता है ।

समृद्धि और सफलता के प्रतीक :
विघ्नहर्ता और विद्यादान के देवता श्री गणेश को हिन्दू धर्म में प्रारंभिक पूजाओं में सबसे पहले पूजा जाता है । उनके चतुर्भुज और मुख पर हाथी की आकृति के बड़े कान का प्रतीक होता है, जो समृद्धि और सफलता के प्रतीक के रूप में पहचाना जाता है ।

रिद्धि सिद्धि मंत्र का महत्व :

मंत्रों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है, और विशेष रूप से श्री गणेश के मंत्र का जाप करने से सफलता की ओर प्राप्ति होने की संभावना बढ़ जाती है । श्री गणेश मंत्र का उच्चारण करने से धन, समृद्धि, बुद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है ।

“ॐ नमो आदेश गुरु का। गणपति बीर, बसे मसाने।

जो – जो मांगू, सो सो आण। पांच लाडू, सिर सिंदूर,

हाटि का मांटी, मसाण की खेप। रिद्धि सिद्धि मेरे पास भयाबे।

शव्द सांचा, पिण्ड कांचा। फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा।।”

रिद्धि सिद्धि मंत्र बिधि :

इस मंत्र को ग्रहण काल या पर्ब काल में जप कर सिद्ध कर लें। जब कभी किसी बडे भोज आदि का प्रबन्ध करना हो तो इस का प्रयोग करें। भोज तैयार होने पर साधक पांच लड्डू ले तथा उसके ऊपर सिंदूर का टीका लगायें ।

पुन: एक कलेश एबं रस्सी तथा एक साफ कपडा (जिससे कलश का मुंह बांधा जा सके) लेकर कुएं पर जाकर सर्ब प्रथम कलश में एक लड्डू श्री गणपति के मंत्र का जाप करते हुए डालें और कपडे से कलश का मुंह ढक कर बांधे तथा रस्सी में बांधकर कुएं में, जल निकालने के लिए डालें। जब कलश में जल भर जाय तब दो लडडू लेकर कुएं में डाल दें और जल से भरा कलश ऊपर खीचं लें ।

साबधानी पूर्बक कलश को घर ले आयें और भोजन सामग्री के बीच स्थापित कर दें साथ ही तमाम सामग्री को साफ चद्दर आदि से ढक दें। इसके पश्चात् शेष दो लड्डूओं को अपने गोत्र देब देबी या कुल देबता को चढा दें, धूप, दीप, नैबेद्य द्वारा पूजन कर, सर्ब प्रथम ब्राहमणों को बिठायें और मेहमानों को भोजन करायें, श्रद्धा बिश्वास बनाये रखें श्री गणेश जी की कृपा से भोज कार्यक्रम सफल रहेगा । भोज समाप्ति पर “कलश” का बिसर्जन करके “कलश” के लड्डू को गो माता को खिला दें ।

रिद्धि सिद्धि मंत्र का जाप :

मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मकता की भावना उत्पन्न होती है जो उसकी कार्यशीलता और सहयोगिता में वृद्धि करती है । विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत में इस मंत्र का १०८ बार जाप करने से अधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं ।

नोट : सम्पूर्ण क्रिया करते समय मंत्र जपते रहना चाहिए ।

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