रोग पैदा करना प्रयोग :

रोग पैदा करना प्रयोग :

रोग पैदा करना प्रयोग : एसी बहुत तद्बीर है जिनसे सत्रु के शरीर मे रोग उत्पन किया जा सक्ता है! रोग पैदा करना प्रयोग बहुत खतरा होता है , यह अघोर पंथ का एक शक्तिशाली बिद्या है , जिसको आप अपना घर पर बैठ कर शत्रु को नास कर सकते हो ! रोग पैदा करना प्रयोग  को करने के लिए शुद्ध होकर श्मशान जाये ! शनिबार की रात्रि में यह क्रिया संपन्न की जाती है ! श्मशान में जाकर जलती हुई चिता में उच्छिष्ट भैरब की पूजा करके गुड की बलि प्रदान करे ! फिर शराब से चिता के किसी कोयले को बुझाकर उठा ले ! इस कोयले को हल्दी , पिली हरताल तथा सेंधा नमक के साथ मिलाकर पिस लें ! फिर नीम की कुछ पतियों का रस निकालकर उक्त पिसे हुए सामान में मिला लें ! तत्पश्चात उक्त स्याही से उक्त सामग्री से शत्रु का आकृति बनाकर शत्रु नाशक प्रयोग बिधि बिधान प्राण प्रतिष्ठा करना चाहिए ! शत्रु हन्ता मंत्र से उसका पूजन करने के बाद गड्ढा खोदकर यंत्र लिखे पथर को वंही (शमशान) में उल्टा गाड दें ! अर्थात यंत्र लिखा भाग नीचे की और तथा रिक्त भाग ऊपर की और रहेगा ! इस प्रयोग से शत्रु का समस्त गतिबिधियों का स्तम्भन हो जाता है और शत्रु उसी दिन से रोग ग्रस्त होना प्रारंभ हो जाता है !
यंहा शत्रु को रोग पैदा करने का कुछ और बिधि दे रखा गया है , ताकि आप आसानी से शत्रु के ऊपर प्रयोग कर सकते हो ..
 
(क) भिलाबा, स्वेत चौट्ली, मकरा इन सबको इक्ट्ठा पीसकर रात को जिसके अंग मे लगा दिया जाये उसके शरीर मे कोढ हो जाये ! दुध मे बुरा मिलाकर पीने से रोगी को आराम लगना शुरू हो जाता है !
 
(ख) अनुराधा नक्षत्र मे तीन आंगुल के नाप की कुरेया ब्रुख्य की जड लाकर जिसके घर मे जमा दी जाय उसकी आंखे दुखने लगे ! इसके लिये यह रोग पैदा करना प्रयोग मंत्र पढे !
{मंत्र :ओम अंन्देरह अंन्देरह स्वाहा}
 
(ग) जबाखार, सत्रु के पांब की धुल शरीर मे लगा देने से सत्रु गंजा होता है !इस का रोग पैदा करना प्रयोग मंत्र यह है !
मंत्र : “ऑम नमो भगबते उडडामरेश्वराय क्म्प्ने धुनने मुंत्र्च मुंत्र्च दुर्गोस:”
 
(घ) घिरघटका खुन, हरे सांपका खुन इन दोनो से डोरो को रंगे ! जो स्त्री इस डोरो को नांघ जाये गि उसके बहुत रुधिर निकला करेगा !
 
(ङ) शत्रु का चाबा हुआ पान और दंतोन लाकर सांप के मुख मे डाल दे ! शत्रु का मुख बंद हो जायेगा !
 
(च) जम्बीरी नीम्बु की जड हस्तनक्षत्र मे उखाडकर किसी स्त्री के शरीर मे लगा दे तो उसका बदन बिगड जाये! रोग पैदा करना प्रयोग मंत्र से अभिमंत्रित करने के बाद शत्रु के ऊपर प्रयोग कर सकते हो ! यह प्रयोग डामर तंत्र का एक बेहद शक्तिशाली प्रयोग है ! जिसका काट इतना आसान नही ! कभी कभी यह प्रयोग से शत्रु तड़पते हुए शारीर त्याग देता है ! यंहा पर दिया गया जो भी प्रयोग है किसी बिद्वान पंडित की देख रेख में करे ताकि प्रयोग की समय कुछ गलत ना कर बसे ! और एक बात है ..यह सारे प्रयोग किसी का अनिष्ट करने की बिचार लाकर कभी ना करे , क्यूँ न इश्वर की दृष्टि से आप अपराध बन जाओगे ! वैसे भी आपको एक बात याद होगा , जैसा करम वैसा भरना पड़ता है ! तो जो भी करम करते हो एक बार नही 100 बार सोच समझ कर करम करना चाहिए ! आपके जीबन में काफी समस्या शत्रु के द्वारा बन गई है , जीबन जीने की कोई रास्ता दिखाई नही दे रहा है …उसी परिस्तिती में आप यह कदम उठा सकते हो ! वो भी गुरु की सानिध्य में रहकर यह कार्य करना उचित रहेगा !
मंत्र : ” ऑम नमो भगबते उडडामरेश्वराय अमुकं ग्रुहा ग्रुहा ठ: ठ: “
 
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार-  मो. +91- 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

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