शत्रु को नुक्सान पह्चाना :

शत्रु को नुक्सान पह्चाना :

शत्रु को नुक्सान पह्चाना- यह  एक ऐसा प्रयोग है , जभी जीबन में शत्रु बढ़ जाता है , जीने कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है , तभी अघोर पंथ का शत्रु को नुक्सान पहचाना प्रयोग कर सकते हो ! यह तंत्र बिद्या का षटकर्म प्रयोग में आता है ! आगे इसके ऊपर कुछ उपाय लिख रहा हूँ , जिसको उपयोग करके आप शत्रु का नुक्सान पहचा सकते हो .

शत्रु को नुक्सान पह्चाना प्रयोग :

(क) हस्त नक्षत्र मे एक अंगुल के नाप की कनेर की लकडी लाकर मसान की राख से नाम जुक्त मंत्र लिखकर कुम्हार के घर मे दबा दे तो उसके आबे की कुल हाँडिया फुट जायेगी!
 
गंधक पीसकर जलके भरे पात्र मे डालदे !ईस जल से सींचने से शाक बाग सब न्षट हो जाये !
 
(ख) जन्हापर मनुष्य पेशाब करे उस स्थान मे बीछु का डंक दबा दे तो बह नामर्द हो जायेगा!
 
(ग) जब गाय या बैल गोबर करे तब यह गोबर जमीन पर गीरने से पहले ही हाथ मे लेकर इससे उस आदमी की मुर्ति बनाबै जिसको नपुंसक करना हो,फिर इस मुर्ति को क्लीब करे !तब बह आदमी जिसकी मुर्ति बनाई जायगी तत्काल क्लीब हो जायगा !

शत्रु को नुक्सान पह्चाना मंत्र :

मंत्र : “ऑम नमो भगबते उड्डामरेश्बराय काम प्रचणडाय हन हन चैनजेर मुखेन ख्यत्रय खण्डाय स्वाहा.”
 
 
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जय माँ कामाख्या

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