शत्रु को परास्त करने हेतु मंत्र :
बउनल्लाह अल जलिलों, अल जब्बारों, अल कहारों । सयफे सैयदुल
काहेरीन ब अला आ अदाए रब्बूल आलमीन । मोहम्मद रसूलल्लाह
अल रकबे (शत्रु एबं उसकी माँ का नाम ) बजुल फिकारे हयदरे
करार । अला कलबे (शत्रु एबं उसकी माँ का नाम ) या हैदर या
हैदर या असद अल्लाह या बली अल्लाह अलगीयाश ।।
शत्रु परास्त मंत्र बिधि :
इस शत्रु परास्त मंत्र को सिद्ध कर लें । पुन: अपने आस पास से किसी भी कंटक बृक्ष की शाखा तोड़े जो हाथ में रखी जा सके । अब चाँद की चौदह तारीख को प्रयोग शुरू करें । टहनी से शत्रु का नाम जमीन पर लिखें और उक्त शक्तिकृत शत्रु परास्त मंत्र तेरह बार जप कर तेरह बार शत्रु के नाम पर उसी कांटेदार शाखा से प्रहार करें । यह एक क्रम हुआ । ऐसा तेरह बार करें । इस प्रकार तेरह तेरह बार मंत्र जप करें और तेरह तेरह बार शाखा (टहनी ) से प्रहार करें । यह क्रम एक दिन का है । इसी तरह चौदह तारीख से छ्बीस तारीख़ तक , तेरह दिन का पूरा प्रयोग करें, इन्ही दिनों के भीतर फल प्रदर्शित हो जाएगा । आपको पता चल जाएगा कि शत्रु बीमार है या उसे कष्ट हो रहा है । जब ज्ञात हो जाए की शत्रु को कष्ट मिल रहा है या बीमार पड़ गया है तो “प्रयोग” बंद कर दें । प्रयोग के बारे में किसी को न बतायें । यह प्रयोग स्वार्थ बश या झूट मुठ परेशान करने हेतु न करें अन्यथा स्वयं को भी नुकसान होने की संभाबना रहती है ।
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