श्रीनृसिंह मारण मंत्र :

श्रीनृसिंह मारण मंत्र :

श्रीनृसिंह मारण मंत्र” एक शक्तिशाली मंत्र है जो हिन्दू भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है । भगवान नरसिंह को आधा मनुष्य और आधा सिंह के रूप में दिखाया गया है जो सुरक्षा, साहस और दुष्ट शक्तियों का नाश करने का प्रतीक है । यह मंत्र भगवान नरसिंह की कृपा और दिव्य सुरक्षा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए मन्त्रणा किया जाता है ।

श्रीनृसिंह मंत्र :

मंत्र “ॐ नमो भगबते उन्मतरुद्राय भ्रम – भ्रम, भ्रामय – भ्रामय , (अमुक) बित्रासय – बित्रासय ,उद्भ्रामय – उद्भ्रामय, रूद्ररूपेण – रूपेण, हूँ फट स्वाहा ।”

श्री नृसिंह न्यास बिधि :
ॐ आचक्राय स्वाहा ह्रदय: नम: ।
ॐ बिचक्राय स्वाहा शिर से स्वाहा ।
ॐ सुचक्राय स्वाहा शिरबायै बषट ।
ॐ धीचक्राय स्वाहा कबचाय हुम ।
ॐ संचक्राय स्वाहा नेत्राय बौसट ।
ॐ ज्वालाचक्राय स्वाहा अस्त्राय फट ।

श्रीनृसिंह मंत्र बिधि :

उपरोक्त मंत्र का श्मशान भूमि में ३ लाख की संख्या में जप करे । चिता की आग में धतूरे की समिधाओं का हबन करने से शत्रु का उचाटन तथा मारण दोनों हो जाते हैं । समस्त प्रयोग और पूजा बिधि कोई जानकार पंडित जो ये साधना में सिद्धि हासिल किये है , उनका सानिध्य में रहकर कार्य सिद्धि करें अन्यथा लाभ की जगह हानि उठाना पड़ता है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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