सर्बजन आकर्षण मंत्र :
मंत्र : “ॐ नमो आदिरूपाय अमुक आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा ।”
यह मंत्र एक लाख की संख्या में जपने पर सिद्ध हो जाता है । इस मंत्र में जंहाँ “अमुक” शव्द का प्रयोग हुआ है, वँहा साध्य ब्यक्ति के नाम का उचारण करना चाहिए ।
प्रयोग : इस मंत्र की प्रयोग बिधियाँ निम्नलिखित है –
१. अपने दायें हाथ की अनामिका ऊँगली के रक्त द्वारा उक्त मंत्र को भोजपत्र पर लिखें । जिस ब्यक्ति को आकर्षित करना हो, उसका नाम बीच में लिखना चाहिए । फिर, उस मंत्र लिखे भोजपत्र को शहद में डाल दें । इस प्रयोग से साध्य – ब्यक्ति आकर्षित हो कर साधक के पास स्वयं चला आता है ।
२. काले धतूरे के पत्तों के रस में गोरचन मिलाकर, सफ़ेद कनेर की जड़ की कलम से, भोजपत्र के ऊपर उक्त मंत्र को लिखकर, उसे खैर (कत्थे के अंगारों की अग्नि में तपायें ।) इस क्रिया से सौ योजन दूर रहने बाला ब्यक्ति भी आकर्षित होकर साधक के समीप चला आता है ।
तंत्र साधना कोई निकृष्ट कर्म नहीं, बल्कि चरम रूप है आराधना ,उपासना का । तंत्र के बारे में जानकारियों के अभाब ने ही आज हमसे छीन ली है देबाराधना की यह सबसे प्रभाबशाली पद्धति । यदि साधक में भरपूर आत्मबिश्वास और निश्चय में दृढ़ता है तो बह श्रद्धापूर्बक साधना करके आसानी से अलोकिक शक्तियों और आराध्यदेब की बिशिष्ट कृपाओं को प्राप्त कर सकता है । सिद्ध साधक बनने के लिए आबश्यकता है साधना के पूर्ण बिधि – बिधान और मंत्रो के ज्ञान । साधना और सिद्धि प्राप्त केलिए आज ही सम्पर्क करे और पाए हर समस्या का समाधान – 9438741641 (Call/ Whatsapp)