सर्बकार्य साधक गणेश मंत्र :आपके कार्यों को सिद्ध करने की शक्ति

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सर्बकार्य साधक गणेश मंत्र :

सिद्ध गणेश मंत्र : जीवन में हमें विभिन्न प्रकार के कार्यों और परिप्रेक्ष्यों का सामना करना पड़ता है । चाहे वो व्यापारिक क्षेत्र हो या व्यक्तिगत जीवन, सफलता पाने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ता है। इस संघर्ष में हमें आदित्य गणेश की तरह समर्थता और साहस की आवश्यकता होती है । “सर्बकार्य साधक गणेश मंत्र” इस आध्यात्मिक मंत्र के माध्यम से हम जानेंगे कि कैसे हम अपने जीवन के कार्यों को सिद्ध करने की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं ।

सर्बकार्य साधक सिद्ध गणेश मंत्र का महत्व :

“सर्बकार्य साधक सिद्ध गणेश मंत्र” का महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू धर्म में है। गणेश भगवान हिन्दू पौराणिक कथाओं में विघ्नहर्ता के रूप में जाने जाते हैं और उन्हें किसी भी कार्य की सफलता प्रदान करने वाले माना जाता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से मानव मन में साहस, आत्मविश्वास और संकल्प की वृद्धि होती है।

(१) ॐ गुरूजी समरुं गुनपति साधुं, लाण डाकण मारूं, चार सीकोंन्तरे पांए लगाडू, गुणपति राजा घोड़े चडीया, भूत पलीत में बिघन हमेशा होंकारा, पीछा फरे तो माई पार्बती जी का दूध हराम करे ।

(२) ॐ गुरूजी गणेश बोले भोले सबा सेर लाडूं खाबें, होंकारा सो कोस जाबे, हमेश होंकारा, पीछा फरे तो माई पार्बती जी का दूध हराम करे ।

(३) ॐ गुरूजी बोडाया बीर, तू बलीयो बीर, जब लग तारी सेबा करूं लीलाथई शिरधरुं, माथे मांडू पलाण, गसाण, मांथी मुठी करूँ, कहोने सन्तो राम राम ।

(४) ॐ गुरु जी तम गणेश गौरी का पूत, ज्यां समरुं त्यां आयो जीत, तमारा पिताजी इश्वर महादेब साची तमारी सेबा करूं, हमेश कामे पधारो और लाडू, सिन्दूर नी पड़ी, लबींग सोपारी पान बीडू, श्री गुणपतिनां उर मां धरु ।

(५) ॐ गुरूजी शोधबाई से चला आय, राजा प्रजा लागे पाई, बाटे घाटे, न मारी ओजबाई, ज्यां समरुं त्यां आगेबान ।

।।अस्य बिधानम्।।
गणेश चतुर्थी के दिन लाल लंगोट पहन कर जप करें । लाल कपडे के आसन पर चाबल ब दूर्बा रखकर उस पर गणेशजी की मूर्ति रखें । मूर्ति को दूध दही पंचामृत से स्नान करा कर शुद्ध जल से स्नान कराये । स्नान कराते समय ॐ गुरूजी गं गणपतये नम:, ह्रीं गं गणपतये नम: मंत्र का स्मरण करें । सिन्दूर लगायें, लाल पुष्प चढ़ायें । चूरमे के लड्डू का भोग लगाकर लौंग इलायची पान का बीड़ा दक्षिणा चढ़ायें । गुग्गल धूप देकर आरती करे फिर ५-५ माला जप करें । पश्चात् प्रसाद के लड्डू का भोजन करें जो शेष बचे उसे जमीन में गाड देबे । चाबल को अपने पास संभाल कर रखें । कार्य प्रयोजन जाते समय उन में से कुछ चाबल ले जाए । गुगल धूप देकर मंत्र जप करें, अक्षत पास में रखते हुये कार्य का चिंतन करें ।

उदाहरण :
1. व्यापार में सफलता: व्यापार में सफलता पाने के लिए आप सिद्ध गणेश मंत्र का नियमित जाप कर सकते हैं । गणेश की कृपा से आपके व्यवसाय में वृद्धि होगी और आप सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचेंगे ।

2. शिक्षा में प्रगति: पढ़ाई में सफलता पाने के लिए भी आप सिद्ध गणेश मंत्र का जाप कर सकते हैं । गणेश भगवान की कृपा से आपकी शिक्षा में वृद्धि होगी और आप अध्ययन के क्षेत्र में प्रगति करेंगे ।

3. परिवार में सुख-शांति: घर में खुशहाली और सुख-शांति के लिए भी आप सिद्ध गणेश मंत्र का जाप कर सकते हैं । गणेश भगवान की कृपा से आपके परिवार में आपसी सद्भाव बनी रहेगी और घर में सुख की वातावरण बनी रहेगी ।

निष्कर्ष :-
“सर्बकार्य साधक सिद्ध गणेश मंत्र ” के जाप से हम अपने जीवन के कार्यों को सिद्ध करने की शक्ति प्राप्त करते हैं । यह सिद्ध गणेश मंत्र हमें साहस, आत्मविश्वास और परिश्रम की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है। इसका नियमित उच्चारण करके हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं।

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